• जरुरी सुचना

    आप हमारी वेबसाइट पर आयें और हमारा मनोबल बढ़ाएं ताकि हम आपको और अच्छी कहानियां लेकर आयें

    daily story maker

    Daily story maker is a hindi story blog that provides you with hindi story with old story, deshi story, big story, moral story, new story, advance story

    Monday, August 20, 2018

    daanveer राजा-शिवी चक्रवर्ती raja ki kahani hindi story in india 2018

    एक दानवीर राजा की कहानी 

    daanveer राजा-शिवी चक्रवर्ती

    हाय ! दोस्तों कैसे हो ?  आशा करता हूँ की आप ठीक ही होंगे | दोस्तों आपने राजा - महाराजाओं के किस्से और  कहानी तो बहुत सुने होंगे | राजा महाराजा शाही तलवारों से लड़ते थे और शाही नियम पर ही चलते थे | उन राजाओ में से एक राजा की कहानी बताने जा रहा हूँ | जो बहुत दानी (दान देने वाला) राजा था | वह प्रतिदिन गरीबो के लिए दान किया करता था | राजा की एक रानी थी जिसके एक लड़का था | रानी बहुत बीमार रहती थी | एक दिन वह रानी मर गयी | अब राजा अकेला हो गया था | उसके एक लड़का था | वह लड़का भी अपने पिता की तरह वचनों का पालन करता था | एक बार राजकुमार कुछ बच्चो के साथ खेल रहा था |

    लेकिन बच्चो के साथ खेलते खेलते वह जंगल की तरफ बढ़ता जा रहा था | सभी बच्चे लुका - छुपी खेल रहे थे जिसमे सभी बच्चे छिप जाते थे और एक बच्चा सभी को ढूंढ़ता था | एक बार सभी बच्चे छिप गए और इधर राजकुमार भी छिप गया | राजकुमार एक झाडी के पीछे छिप गया और जो उसको ढूंढ रहा था | राजकुमार उसको ढूंढ़ने की कोशिश कर रहा था | लेकिन राजकुमार को वह लड़का नहीं मिला तभी उसके कंधे पर किसी ने हाथ रखा | वह पीछे की तरफ मुड़ा तो उसने देखा की जो बच्चा उनको ढूंढ रहा था | उसने सबसे पहले राजकुमार को ही ढूंढ लिया और बाकी की खोज और करने लगा | सभी फ्रेंड्स मिलने के बाद एक फ्रेंड ने कहा चलो सभी आँख मिचौनी खेलते है बड़ा मजा आएगा |

     सभी ने एक साथ हाँ में हाँ मिला दी और राजकुमार ने कहा तुम सब छिप जाओ में तुमको ढूंढ लूंगा | एक बच्चे ने राजकुमार की आँखों पर एक कपड़ा बाँध दिया | और सभी इधर उधर छिप गए कुछ देर तक वह इधर उधर घूमा लेकिन उसकी आँखों पर कपडा बंधा हुआ था इसलिए वह जल्दी ढूंड नहीं पा रहा था | बहुत देर हो गयी लेकिन वह अभी तक किसी भी फ्रेंड को ढूंढ नहीं पा रहा था | उसने चीटिंग करके एक आँख से देखने के लिए कपडे को थोड़ा सा ऊपर कर लिए | लेकिन वे सभी वहां नहीं थे उसने इधर उधर देखा लेकिन फिर भी नही मिल पाए | कुछ देर ढूंढ़ने के बाद उसने आवाज लगानी शुरू कर दी | लेकिन उनमे से कोई भी नहीं बोला | राजकुमार कहने लगा साथियों कहाँ हो तुम कृपया करके बाहर आ जाओ में तुमको नहीं ढूंढ सकता |

    कुछ देर प्रतीक्षा करने के बाद भी वे सब लोग नहीं आये | अचानक से उसको ऐसा लगा जैसे उसको कोई आवाज लगा रहा हो | आवाज कुछ गंभीर थी जैसे कोई मुसीबत में हो | राजकुमार तुरंत उस आवाज की तरफ भागा | राजकुमार ने देखा वह एक पेड़ से गिरने वाला है और वह पेड़ एक झील के किनारे पर लगा हुआ है | अगर उसके हाथ छूट गए तो वह झील में गिर जायेगा | राजकुमार तेजी से उसकी तरफ दौड़ा और पेड़ पर चढ़ गया | पेड़ पर चढ़ने के बाद उसने उसके दोनों हाथ पकड़ लिए और ऊपर खींच लिया | उसके फ्रेंड ने उसको धन्यवाद दिया | राजकुमार ने कहा और सभी साथी कहां है उसके फ्रेंड ने बताया की उनको एक बूढा आदमी लेकर गया है और कह रहा था की राजकुमार को भी उस पहाड़ी के ऊपर बरगद के पेड़ पर भेज देना |

     ये बात कहकर वह बूढा आदमी उन सभी को लेकर चला गया में जाने के लिए तैयार था लेकिन वे मुझे नहीं ले जा रहे थे | इसलिए में उस बूढ़े को देखने के लिए में उस पेड़ पर चढ़कर देखना चाहता था | लेकिन उस पेड़ पर देखा तो एक सांप  था | जब मुझे सांप दिखाई दिया तो में एक दम से दर गया और वहीं पैर फिसल गया और लटक गया | राजकुमार ने कहा कौनसी पहाड़ी पर लेकर गए उन सबको ? लड़के ने इशारा करते हुए पहाड़ी को बता दिया | राजकुमार उस लड़के को लेकर वह पहाड़ी पर चढ़ गया वहां परऊपर छोटी में एक बड़ा बरगद का पेड़ दिखाई दिया दोनों बरगद के पेड़ के पास पहुंच गए | राजकुमार ने उस बरगद को देखा तो उसके सभी फ्रेंड्स वहां पर मौजूद थे | राजकुमार सभी दोस्तों को देख कर बहुत खुश हुआ |

    अलास्का की खाड़ी 

    daanveer राजा-शिवी चक्रवर्ती
    सभी दोस्तों ने कहा हमको एक जादूगर ने अपने जादू से कैद किया हुआ है | हम आपको यहाँ सिर्फ दिखाई दे रहे हैं | लेकिन हम असल में यहाँ नहीं है हम इस बरगद के पेड़ में कैद हैं | हम तभी बाहर आ सकते है जब कोई कस्तूरी से बने चार हीरों को यहाँ इस बरगद के पेड़ के चरों और रख देगा तो इस बरगद का दरवाजा अपने आप खुल जाएगा  राजकुमार ने पुछा ये "चारों हीरे मिलेंगे कहाँ पर ? " दोस्तों ने कहा ये चारों हीरे इस तरह से मिलेंगे

    - एक अलास्का की खाड़ी में वहां पर एक समुन्द्र में दो तरह के पानी कभी नहीं मिलते है उनके बीच में मिलेगा, दूसरा हीरा राजस्थान में गुलाबी नगर जयपुर में एक जगह तीन मूर्ति हैं उनमे से बीच वाली मूर्ति के अंदर मिलेगा |  और तीसरा हीरा राजस्थान के भरतपुर जिले के कामां तहसील में एक रात के भीतर भूतों के द्वारा बनाये गए 84 खम्बों में  किसी एक खम्बे में मिल जाएगा | और चौथा हीरा आपको श्रीलंका की तरफ जाने वाला  शुरुआती रस्ते के नीचे भारत में ही मिल जायेगा |
    ये कहानी भी पढ़ें -
    ये सब सुनकर राजकुमार दंग रह गया वह कैसे लाये इतनी जगहों से उन हीरों को | थोड़ी ही देर में वहां पर जादूगर आ गया और आकर देखा की राजकुमार आ गया | राजकुमार बहुत गुस्से में आकर जादूगर से कहा मेरे दोस्तों  को छोड़ दो वरना अच्छा नहीं रहेगा तुम्हारे लिए | जादूगर कहने लगा तो तू है उस राजा का लड़का  | सुना है बहुत दानी हो दोनों बाप बेटे | चलो में तुमसे चार हीरों का दान मांगता हूँ | उन हीरों के बारे में अपने दोस्तों से पूछ लेना लेकिन तुम बिना हीरे दिए भी अपने दोस्तों को लेकर जा सकते हो में तुमसे ये नहीं कहूंगा की तुम मुझे हीरों का दान जरूर दीजिये |

     तुम चाहते हो तो दान मत दीजिये मुझे आप दान देने से मना भी कर सकते हो | में तुम्हारे दोस्तों को छोड़कर यहाँ से ख़ुशी ख़ुशी चला जाऊँगा | ये सुनकर वह राजकुमार बोला ए जादूगर में आपको वो चार हीरे जरूर लाकर दूंगा | राजकुमार अपने काम के लिए चल पड़ा | वह अलास्का की खाडी की तरफ चल दिया | राजकुमार ने एक नाव खरीदी और उसमे बैठकर चल दिया जहाँ पर समुन्द्र मिलकर भी नहीं मिल पा रहे हैं | सुबह से शाम हो गयी लेकिन उसको वह समुन्द्र का हिस्सा नहीं मिल पा रहा था | कुछ देर चलने के बाद उसने देखा की जहाँ पर उसकी नाव चल रही थी | वहां एक साइड में साफ़ पानी दिखाई दे रहा था | और दूसरी तरफ गदला हुआ पानी दिखाई दे रहा था | लेकिन उनके बीच में कोई दिवार भी नहीं थी फिर भी दोनों समुन्द्र मिलकर भी अलग दिखाई दे रहे थे |

    daanveer राजा-शिवी चक्रवर्ती raja ki kahani 

    ये देखकर राजकुमार देखता रह गया | उसने अपने कपडे उतरे और उसमे कूद गया | कूदने के बाद वह नीचे गया उसने देखा वहां पर एक बहुत बड़ी रोशनी दिखाई दे रही थी | राजकुमार रौशनी की तरफ बढ़ता जा रहा था | राजकुमार अब तक बहुत नीचे जा चूका था | राजकुमार ने ध्यान से देखा तो वह रौशनी बड़ी से छोटी होती जा रही थी | राजकुमार उस रौशनी को देखता और नीचे चला गया | अचानक से वह एक दम से की तरफ तेजी से खींचा जा रहा था उसको लग रहा था की जैसे उसको कोई नीचे खींच रहा हो | राजकुमार डर गया लेकिन वह नीचे जाने के बाद श्वास भी ले सकता था उसको ये अजीब सा लगा | क्योंकि समुन्द्र के अंदर श्वास कैसे संभव है | ये तो उसको चौकाने वाला सबसे बड़ा रहस्य था | अब वह पानी में श्वास आसानी से ले रहा था | जैसे वो पानी के बाहर ले रहा हो उसी तरह वह पानी के अंदर श्वास  ले रहा था |
    आप ये कहानी डेली स्टोरी मेकर पर पढ़ रहे हैं
    राजकुमार ने ध्यान से देखा वह रोशनी एक हीरे की थी  वह  उसकी तरफ हाथ बढ़ाने लगा तो हीरा उसके हाथ में आ गया | हीरा हाथ में आने से वह हीरा उसको तेजी से ऊपर लेकर आ गया | हीरा मिलने पर वह बहुत खुश हुआ | और वहीँ जगल में चला गया और उस जादूगर को दे दिया | अब वह दूसरा हीरा लेने के लिए राजस्थान की तरफ चल दिया | वहां राजस्थान में जयपुर गया और तीन मूर्ति के बारे में पता किया और वहां पर पहुंच गया | तीन मूर्ति में से बीच मूर्ति वाली मूर्ति को देखा और सोचने लगा इसमें से कैसे निकाला जाए | कुछ सोच कर उसने पहली वाली मूर्ति के कान को मरोड़ा तभी बीच वाली मूर्ति की पीठ खुल गयी और उसमे से हीरा निकल गया राजकुमार ने उसमे से उसको निकाल कर पीठ को तुरंत बंद कर दिया |

      फिर राजकुमार ने दुबारा पहली वाली मूर्ति का कान मरोड़ा तो वह अब नहीं खुल रहा था | राजकुमार हीरे को लेकर वहीँ जंगल में जादूगर के पास पहुंच गया और उसको दूसरा हीरा दे दिया | और तीसरे हीरे के लिए वह राजस्थान के भरतपुर जिले में गया और कामां तहसील में गया और 84 खम्बों के बारे में पूछताछ की तो उन्होंने बताया की कहते इनको एक रात के अंदर जींदों ने तैयार किया था | वैसे तो ये 84 खम्बें है लेकिन आज तक इनको कोई ठीक तरह से नहीं गिन पाया है | राजकुमार ने सोचा की इनको गिनकर तो देख लू | उसने 84 कपडे की चीर तैयार की और एक एक करके सभी खम्बो को बाँध दिया | लेकिन फिर भी तीन चीर बाकी रह गयी | राजकुमार ने फिर से सभी को खोला और सभी चीरों को गिना और दुबारा बाँध दिया सभी चीरें बांध दी लेकिन फिर भी पांच खम्बे बाकी रह गए |

    राजकुकमार सोच में पड़ गया की आखिर ये खम्बे कम या ज्यादा कैसे हो जाते हैं | उसने कई बार प्रयास किया लेकिन उनको सही ढंग से नहीं गईं पाया | वह मान गया की जरूर यहाँ आज भी जीन्द रहते हैं | राजकुमार ने अंदर जाकर हीरे की खोज की उसने बारी बारी से सभी खम्बों को बजाय लेकिन सभी भरे हुए सुनाई दे रहे थे | अचानक से एक खम्बा खाली बजा उसने उसको तोडना चाहा लेकिन तभी उसमे से एक रौशनी निकली और कहा जिस हीरे को तुम लेने आये हो वह पांचवे खम्बे में है | उस खम्बे को पैर की ठोकर मारोगे तो हीरा बाहर आ जायेगा | राजकुमार ने पांचवे खम्बे में ठोकर मारी हीरा बाहर आ गया |

    राजकुमार ने हीरे को लिया और जादूगर के पास लेकर चला गया और उसको दे दिया अब राजकुमार चौथे हीरे के लिए श्रीलंका की तरफ चल पड़ा वहां पहुंच कर राजकुमार ने देखा की पानी में एक पुल बना हुआ था | जहाँ से पुल की शुरुआत थी उसके नीचे जाकर उसने पानी में देखा तो उसको चौथा हीरा भी मिल गया | उसे लेकर वह राजकुमार जादूगर की तरफ जाने लगा लेकिन उससे पहले उसको जंगली मानवो ने घेर लिया और उसको कैद कर दिया | राजकुमार ने उनसे कहा की तुम मुझे क्यों कैद कर रहे हो | जंगली मानवों ने कहा हम तुमको खाना चाहते हैं इसलिए कैद किया है राजकुमार ने कहा मुझे अपना काम पूरा करने दो उसके बाद में खुद तुम्हारे पास आ जाऊंगा |

    दानवीर राजा की कहानी 

    जंगली मानव कहने लगे हमें बेवकूफ समझते हो क्या भागने के लिए तू तरकीब बढ़िया निकाल  लेते हो | राजकुमार ने कहा देखो मुझे ये कस्तूरी हीरा एक जादूगर को देकर आना है और फिर में तुम्हारे पास आ जाऊंगा में वादा करता हूँ की में तुम्हारे पास सीधा चला आऊंगा | क्युकी में वचनों का पालन करता हूँ | राजकुमार की बातों पर उसको विश्वास हो गया और उसको छोड़ दिया | राजकुमार जल्दी से उस जादूगर को हीरा देकर वह वापिस उनके पास चला गया और जंगली मानवो ने उसको पकाकर खा लिया | इधर राजा जनता के लिए दान करने में लगा हुआ था | तभी उसके पास एक कबूतर आया |

    कबूतर घरबराया हुआ था कबूतर ने राजा से कहा महाराज आप बहुत दयालु हैं मुझे बचा लो मुझे एक बाज मारकर खाना चाहता है वह मेरे पीछे आ रहा है | थोड़ी ही देर में बाज वहां पर पहुंच गया | बाज राजा से कहने लगा राजा कबूतर को मेरे हवाले कर दो ये मेरा शिकार है मुझे ये खाना है बहुत भूख लगी है सुबह से कुछ नहीं खाया है | राजा ने बड़ी नम्रता से जबाब दिया हे पक्षी महाराज ! आप इसको न खाएं इसके बदले में तुम उतना हु मांस मेरा खालो | बाज ने कहा ठीक है ठीक है लेकिन में वजन में इस कबूतर के बराबर ही लूंगा इससे कम नहीं होना चाहिए | राजा ने तराजु मंगवाया और एक तरफ कबूतर को बिठाया और दूसरी तरफ उसने अपनी जांग का मांस काटकर एक पलड़े में रख दिया |

     लेकिन मांस कबूतर से कम था राजा ने फिर उतना ही मांस अपनी जांग से काटकर रख दिया लेकिन फिर भी कम था | रहा ने अपनी एक टांग पूरी काटकर पलड़े में रख दी लेकिन कबूतर अभी भी ज्यादा था और मांस काम था | राजा चौंक गया इतना मांस रखने के बाद भी पलड़ा नीचे क्यों नहीं आया | राजा ने बाज से कहा तुम जितना मांस खाना चाहते हो आप मेरे शरीर से खा लो | राजा की ये बात सुनकर बाज और कबूतर ने अपना रूप बदल लिया | वो दोनों एक इंद्र देव थे और दूसरे अग्नि देव थे |

     उन्होंने कहा राजा हम आपसे प्रसन्न है आपने अपना कर्तव्य पूरी तरह से निभाया है और आपके लड़के ने भी आपना कर्तव्य पूरी तरह से निभाया है तभी इंद्र और अग्नि ने उसके लड़के को उनके सामने कर दिया और कहा ये सब मायावि जाल था हमने तुम्हारी परीक्षा लेने के लिए ये सब किया था | तुम दोनों परीक्षा में सफल हुए हो | मांग लो जो भी माँगना है | दोनों ने कहा की हम भी भूखे नहीं रहे और मांगने वाला भी भूका नहीं रहे हमारी यही इक्षा है | दोनों देवों ने उनको आशीर्वाद दिया और स्वर्ग लोक चले गए

    दोस्तों कैसी लगी कहानी हमें बताये कहीं गलती हो गयी हो तो छोटा भाई समझ कर माफ़ कर देना
    कृपया कमेंट में जरूर बताएं की कहानी कैसी लगी है और  शेयर करना न भूलें ना ही सब्सक्राइब करना भूलें |

    ये भी पढ़े मजा आ जायेगा पढ़ने में -
    दोस्ती से दुश्मनी का खुलाशा 
    राजा बासिक की कहानी हिंदी स्टोरी 
    छोटी बच्ची की कहानी 
    बैन बादशाह सहजादी हिंदी कहानी 




    Popular Posts

    Categories

    Fashion

    Beauty

    Travel