chhoti bachchi ki badi kahani-1

छोटी बच्ची की बड़ी कहानी पार्ट- 1 

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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम मनोज कुमार है| में आप सभी को एक ऐसी कहानी की तरफ ले जा रहा हु जो एक पांच साल की छोटी बच्ची की जीवनी है| वह क्या क्या कराती है, दोस्तों आप चोंक जायंगे की वह पांच साल की छोटी बच्ची भी ऐसा कर सकती है| दोस्तों ये कहानी लम्बी जरुर है, लेकिन बोर करने वाली नहीं है| चलो में अब कहानी शुरू करता हु आपका टाइम भी ख़राब नहीं हो |
कहानी के पात्र :-  छोटी बच्ची का नाम पूनम है ,लड़की के पिता का नाम रमेश है ,लड़की का भाई जो उसी के बराबर है उसका नाम दीपक है ,लड़की की माँ का नाम सुनीता है

यह परिवार एक मिडिल परिवार है, इस कहानी में लड़की का पिता एक कम्पनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है | सुनीता घर का काम संभालती है |पूनम का भाई वेसे तो वो पूनम से छोटा है लेकिन हाईट में पूनम की ही बरावर लगता है | छोटा परिवार है , एक दिन पूनम के पापा यानी रमेश कम्पनी में अधिक काम होने की वजह से लेट आने वाले थे तो उन्होंने घर पर फोन किया की वो कुछ देरी से आयेंगे  तुम सब खाना खा लेना | में कम्पनी में खाकर आऊंगा |

पूनम के दिमाग में आया क्यों न जब तक में आपनी पढाई करती रहू | (क्योकि रमेश जब आते थे तो वो पूनम के लिए कुछ न कुछ लेकर आते थे ) इसलिए पूनम पढाई करने के लिए छत वाले कमरे में चली गयी जो घर की पिछली दीवार पर था | इसलिए पीछे की साईड में एक खिड़की भी थी जिससे पीछे की तरफ आसानी से देखा जा सकता था | तो वह पीछे की खिड़की के सामने बैठ गई और पढाई करने लगी तो उसकी नजर एक बिल्ली के बच्चे पर पड़ी ठण्ड का मौसम था और सर्दी में वह बच्चा ठण्ड से कांप रहा था |


ये नजारा कमरे की रौशनी खिड़की से बाहर निकलती कमरे के पीछे की तरफ उस बिल्ली के बच्चे पर पड़ रही थी जो रौशनी में साफ़ दिखाई दे रहा था।

तो पूनम ये देखकर सीढीयो से नीचे आई और एक कम्बल आलमारी से निकल और घर के पीछे की तरफ चल पड़ी वहा पर पूरी कालोनी का कचरा पड़ा होता है | तो पूनम ने उस बिल्ली के बच्चे को गोद में उठाया और घर ले आई और लाकर उसको सबसे पहले दूध पिलाया तो वह बच्चा थोडा हीट महसूस करने लगा तभी पूनम ने उसको अपनी गोद में उठाकर अपने पास सुलाने ले गई | वह भूल चुकी थी की उसका पापा आने वाला है इसलिए वह सबकुछ भूलकर उस बिल्ली के बच्चे से खेलती खेलती सो गई | सुबह जब उठी तो पापा नाहा रहे थे माँ किचिन में नास्ता बना रही थी पूनम बिल्ली के बच्चे के साथ उठकर माँ के पास गई और कहने लगी  “ माँ देखो छोटा सा बच्चा ” माँ ने पीछे मुड़कर देखा तो मुस्कुराई और बोली यह कहा से आया तो पूनम बोली इसे में अपने घर के पिछवाड़े से लेकर आई हु बेचारा रात को ठण्ड में मर जाता |

 तभी दीपक आया और बोला “ दीदी ये क्या है “ पूनम ने सरत से दीपक की तरफ किया तो दीपक डर गया वह इतना डर गया की अचानक से उसको बुखार आ गया तो रमेश उसको डाकटर के पास ले गया डॉक्टर ने दवैया दे दी और कहा इसे अधिक डर की बजह से बुखार आ गया है घबराने की जरुरत नहीं है ठीक हो जायेगा इसे जरा सा आराम करने दो हॉस्पिटल में पूनम, रमेश, सुनीता और दीपक यानी उनका पूरा परिवार वहा पर मौजूद था |

पूनम सोचने लगी की यह सब मेरी वजह से हुआ है अगर में दीपक को नहीं डराती तो दीपक को बुखार नहीं आता | पूनम सोचते हुए बिल्ली के बच्चे को हाथ से सहला रही थी | अचानक से बिल्ली का बच्चा हाथ से छूटकर भागने लगा तुरंत पूनम भी उसके पीछे भागने लगी हॉस्पिटल रोड पर था जैसे ही वह बच्चा रोड की तरफ भागा पूनम भी उसके पीछे उसे पकड़ने के लिए उसके पीछे दौड़ी अचानक एक काली वेन वहां पर रुकी और छोटीबच्ची पूनम को उसमे खीच लिया इतनी देर में उसके पापा आते वह गाड़ी वहा से चली गयी |

रमेश ने गाडी स्टार्ट की और उस वैन के पीछे लगा दी  वैन ने अपनी स्पीड बढ़ा दी क्योकि वैन में जो लोग मौजूद थे वो किड्नेपर थे और उड़ 5 साल की लड़की के पिता से रुपये लेने के लिए उस पूनम के बदले पेसे ले सके गाड़ी तेजी से दौडती रही रमेश उस गाड़ी के पीछे तेजी से चल रहा था | अचानक काली गाडी जो किडनैपर की थी वह एक मैंन हाइवे पर चढ़ गई | रमेश अभी उस हाइवे पर नहीं चढ़ चढ़ पाया और जितनी देर में रमेश हाइवे पर चढ़ा वह गाडी जा चुकी थी | रमेश निराशा लेकर उस हाइवे पर तेजी से गाडी भागने लगा उसे ये भी नहीं पता चला की गाड़ी कोनसी साईड गई है बहुत देर तक गाड़ी भगाने पर भी वह वहां पर दिखाई नहीं दी |
दोस्तों कहानी आभी बाकि है देखते है क्या होता है इस बच्ची के साथ, क्या रमेश इसको बचा पायेगा ये हम देखेंगे इसी कहानी के अगले पेज 2 में तो दोस्तों कहानी का मजा तो अभी बाकी है हमारी वेबसाइट daily story maker से जुड़े रहे और अगले पेज 2 में आगे कहानी पढ़े


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