पुरानी हवेली का राज।
अंजलि के घर के सामने एक बहुत ही पुरानी खंडहर सी पढ़ी हुई हवेली थी। जिस हवेली को देखकर अंजलि को अक्सर डर लगता था। अंजली का घर पहाड़ों पर था। और वह हवेली भी पहाड़ों पर बहुत ही पुराने समय में बनाई हुई थी। अंजलि अक्सर अपने माता पिता से सुनती थी कि वह हवेली एक शापित हवेली है उस हवेली में जाना खतरे से खाली नहीं है अगर उसमें धोखे से भी कोई जानवर चला जाता है तो उसका भी अता पता नहीं चलता। अगर कोई इंसान उस हवेली में चला जाएगा तो उसका क्या हाल होगा वह तो भगवान ही जाने। ऐसी बातें सुनकर अंजलि डर जाया करती थी और सोचती थी कि अगर धोखे से सच में कोई इंसान उस हवेली में चला गया तो उसका भी अता पता नहीं मिलेगा क्योंकि वह एक शापित हवेली है। लेकिन अंजलि सोचती थी कि ऐसा भी तो हो सकता है वह हवेली शापित नहीं हो वहां पर चोर लुटेरे रहते हो। और अपना चोरी का सारा खजाना वही छुपा कर रखते हो और उन्होंने यह अफवाह फैलाई होगी यह हवेली शापित है। और इस हवेली में कोई भी जानवर पक्षी या मानव जाएगा तो जिंदा नहीं आएगा। और हवेली में गए सारे जानवर पक्षियों को भी वही मारते हो। क्योंकि यह कलयुग है यहां पर जो बताया जाता है वह सच नहीं होता और जो सच होता है वह कभी बताया नहीं जाता। इसलिए हवेली के बारे में कही हुई और सुनी हुई कोई भी बात पर विश्वास कर पाना अंजलि के लिए एक बहुत ही बड़ी परेशानी था।
अंजलि ने सोचा हवेली का सच चाहे कुछ भी हो लेकिन एक सच को हम नहीं झूठला सकते कि वहां पर अगर कोई भी जाता है तो जिंदा नहीं आता। यही बातें सोचते हुए अंजलि को कब नींद आ गई अंजलि को खुद पता नहीं चला। जब अंजलि गहरी नींद में पहुंच गई तब अंजलि को उसी हवेली का एक सपना आया। अंजलि को सपने में दिखाई दिया कि हवेली में बहुत ही तेज से तेज हवाएं चल रही है जैसे मानो सिर्फ हवेली में ही तूफान आया हो और हवेली के आसपास की सारी जगह शांत पड़ी है। यह सपना देख कर अंजलि की नींद टूट गई और वह बहुत ही बुरी तरह से डर गई। लेकिन उसने सोचा कि डरने से क्या फायदा अगर मौत आएगी तो पल भर में आ जाएगी और नहीं आएगी तो जिंदगी ऐसे ही बीत जाएगी। डर हमारे दिमाग का वहम है। और कुछ भी नहीं है। हां डराने वाली चीजें भी मौजूद है इस दुनिया में लेकिन हमें उनसे डरना नहीं चाहिए उन्हें समझना चाहिए। यही सब बातें सोच कर अंजलि फिर से दोबारा सो गई और फिर तो उसकी सुबह ही नींद खुली। सुबह उठते ही अंजलि ने देखा कि वह हवेली एकदम शांत पड़ी है। अरे सुबह-सुबह की सूरज की किरणें हवेली पर पड़ रही है जिससे वह हवेली बहुत पुरानी होते हुए भी बहुत ही खूबसूरत लग रही है। अंजलि फिर सोचने लगी कि कभी ऐसा मौका मिले कि घर पर कोई ना हो और मैं इस मौके का फायदा उठाकर हवेली में जाकर जरूर घूम कर आऊंगी भले ही मैं जिंदा नहीं रहूं लेकिन हवेली तो जरूर घूम कर आऊंगी। इतने में अंजलि को आवाज लग गई उसकी मां उसे चाय नाश्ते के लिए पुकार रही थी अंजली इन सब बातों को छोड़कर चाय नाश्ता करने के लिए चली गई। फिर थोड़ी देर में वह तैयार होकर अपने स्कूल के लिए निकल गई अंजलि 12 साल की बच्ची थी और वह आठवीं कक्षा में पढ़ती थी। स्कूल जाकर अंजलि अपनी कक्षा में जाकर बैठ गई। फिर जैसे ही स्कूल की पढ़ाई शुरू हुई वह पढ़ाई करने लगी लेकिन इंटरवेल के समय अंजलि की सहेली टीना उसके पास आकर बैठ गई टीना भी अंजलि की ही उम्र की थी। और वह भी आठवीं कक्षा में अंजली के साथ ही पढ़ती थी। अंजलि की वैसे बहुत सी दोस्त थी लेकिन उस में से सबसे खास दोस्त अंजली की टीना ही थी। वह जो बात किसी को नहीं बताती थी वह टीना को बता दिया करती थी। वैसे तो वह दोनों रोज साथ में ही लंच करती थी लेकिन आज टीना को अंजलि के अंदर कुछ बदलाव सा लग रहा था ऐसा लग रहा था कि वह किसी गहरी सोच में है और किसी चीज के बारे में बहुत ही गहराई से सोच रही है तब टीना ने अंजलि से पूछा क्या हुआ तू बहुत देर से किसी सोच में डूबी हुई है तुझे ध्यान ही नहीं कि मैं तेरे पास आकर कब बैठ गई क्या बात है। तब अंजलि ने कहा नहीं कुछ नहीं कुछ खास नहीं है बस यूं ही थोड़ा सा ध्यान भटक गया था। और तू बता कैसी है तब टीना ने कहा अब बात को घुमा मत बता क्या बात है। टीना ने कहा तू मुझे अपनी खास दोस्त मानती है तो खास दोस्त की तरह बता भी दे क्या बात है ताकि मैं तेरे कुछ मदद कर सकूं। तब अंजलि ने कहा बात तो बहुत खास है लेकिन तुझे बता कर कोई फायदा नहीं है तू मेरी उस मामले में कोई भी मदद नहीं कर पाएगी। टीना ने कहा अभी तो तूने बताया भी नहीं है कि क्या बात है और तूने बताने से पहले ही सोच लिया कि मैं तेरी कुछ मदद नहीं कर पाऊंगी अरे बता कर तो देख शायद मैं तेरी कुछ मदद कर पाऊं। तब अंजलि ने कहा वह मेरे घर के सामने वाली हवेली तुझे पता है ना वह कितनी पुरानी है और कितनी खंडार भी हो गई है। टीना ने कहा हां वह तो मुझे पता है पर हुआ क्या तू इतना डरी हुई क्यों है उस हवेली को लेकर। अंजलि ने कहा यार बात डरने वाली ही है रात मैं उस हवेली के बारे में न जाने क्या-क्या बातें सोच कर सो गई और वह हवेली मेरे सपने में आ गई मैंने सपने में देखा की हवेली के अंदर बहुत ही तेज का तूफान आया हुआ है और हवेली के आसपास की सारी जगह बिल्कुल शांत पड़ी है पता नहीं ऐसा कैसा अजीब सपना मुझे आ गया मेरी उस टाइम नींद टूट गई थी लेकिन फिर मैं दोबारा सो गई। और जब सुबह उठकर मैंने उस हवेली को देखा तो वह हवेली सूरज की किरणों में बहुत ही खूबसूरत लग रही थी यकीन नहीं हो रहा था कि वही हवेली है जो रात मेरे सपने में आई थी। टीना ने कहा वह इतनी डरावनी हवेली तेरे सपने में इस तरह से आ रही है तो तो सच में डरने वाली बात ही है। वैसे वह हवेली तेरे घर के बिल्कुल सामने है तुझे सपनों से ज्यादा तो उसे देखकर भी बहुत डर लगता होगा ना। अंजलि ने कहा हा डर तो लगता है लेकिन अब इस डर की भी आदत सी हो गई है क्योंकि रोज उठते बैठते वह हवेली मेरे कमरे से साफ दिखाई देती है मुझे। टीना ने कहा वैसे तुझे उस हवेली के बारे में क्या पता है। अंजलि ने कहा मैंने अक्सर अपने माता-पिता को उस हवेली के बारे में बस यही बातें करते सुना है कि वह एक शापित हवेली है और उस हवेली में अगर कोई भी जानवर या पक्षी चला जाए तो वह कभी जिंदा वापस नहीं आता अगर ऐसे में कोई इंसान धोखे से भी उस हवेली में चला जाएगा तो भगवान ही जाने उसका क्या हाल होगा। वह हवेली सच में एक बहुत ही डरावनी और बहुत ही रहस्यमई हवेली है ना जाने कौन सा राज है उस हवेली में जो उसे इतना डरावना बनाता है। टीना ने कहा हां वैसे मुझे भी थोड़ा बहुत उस हवेली के बारे में पता है। अंजलि ने कहा क्या पता है तुझे। टीना ने कहा मैंने भी उस हवेली के बारे में बस यही सुना है कि उस हवेली में एक बहुत ही सुंदर प्रेमी जोड़ा रहता था मतलब एक औरत और एक आदमी रहते थे जो बहुत ही सुंदर थे और एक दूसरे से बहुत ही प्यार करते थे एक दिन उन दोनों की बहुत ही रहस्यमई तरह से मृत्यु हो गई 2 दिन बाद पता चला कि वह मर चुके हैं। उनका अंतिम संस्कार तो कर दिया गया लेकिन उस दिन के बाद से ही उस हवेली में बहुत ही अजीब अजीब सी घटनाएं होने लग गई धीरे-धीरे करके उस हवेली को हमेशा हमेशा के लिए बंद कर दिया गया। और उस दिन के बाद उस हवेली में कोई इंसान नहीं गया हां अगर कोई जानवर चला भी जाता है तो उसका पता नहीं चलता कि वह कहां गया। अंजलि ने कहा लेकिन मुझे तो यह लगता है कि उस हवेली में शायद कोई चोर डाकू रहते होंगे और अपना खजाना भी वह वही छुपाते होंगे और उन्होंने यह अफवाह फैलाई होगी कि यह हवेली डरावनी और शापित है। ताकि उस हवेली में कोई भी इंसान आने की हिम्मत ना करें। और हवेली में गए जानवर पक्षियों को भी वही मारते होंगे ताकि उस हवेली के बारे में इंसानों का डर बना रहे। टीना ने कहा तेरा सोचना भी सही है लेकिन यह सारी बातें तेरे सपने से बिल्कुल भी नहीं मिलती। मेरी मां कहती है अगर हमें कोई भी इस तरह का सपना आए तो हमें सचेत हो जाना चाहिए क्योंकि वह सपने हमें कुछ संदेश देने के लिए ही आते हैं या तो उनसे जुड़ी कोई घटना हमारे जीवन में होने वाली होती है या हो चुकी होती है। और इन सब बातों को सोचते हुए हमें तो यही मानना चाहिए कि वह वेली सच में ही डरावनी और शापित है। अंजलि ने कहा मेरा तो बहुत मन है कि एक बार मैं उस हवेली में जाकर जरूर घूम कर आऊं। टीना ने कहा मन तो मेरा भी बहुत है उस हवेली में जाने का लेकिन डर नहीं जाने देता। और अगर हिम्मत कर करके चले भी जाएं तो हमारे माता-पिता हमें कभी उस हवेली में नहीं जाने देंगे। अंजलि ने कहा एक तरह से हम हवेली में जा सकते हैं। टीना ने कहा वह कैसे। अंजलि ने कहा इस बार गर्मियों की छुट्टियों से पहले मेरी मां नानी के घर जाने के लिए कुछ शॉपिंग करने के लिए बाजार जाएगी तू भी अपनी मां को बोल देना बाजार जाने के लिए। अगर दोनों साथ में चली जाएंगी तो हमारा काम आसान हो जाएगा हमारे पिताजी तो अपने अपने काम पर चले जाते हैं इस तरह से हम दोनों अपने अपने घर पर अकेले रह जाएंगे। फिर तू चुपचाप मेरे घर आ जाना फिर हम दोनों कुछ जरूरी चीजें लेकर उस हवेली में चलेंगे। टीना ने कहा यह तरकीब तो बहुत ही अच्छी है ठीक है मैं घर जाकर अपनी मम्मी से बात करूंगी। एक हफ्ते बाद गर्मियों की छुट्टियां पढ़ने वाली थी। इसीलिए तीन-चार दिन बाद अंजली की मां बाजार जाने वाली थी। बाजार पहाड़ियों से बहुत दूर था इसलिए पहाड़ियों से बाजार तक जाने में एक घंटा लग जाता था।टीना का घर भी पहाड़ियों पर ही था। टीना की मां भी गर्मियों की छुट्टियों में अपनी मां के घर जाने वाली थी। लेकिन खास शॉपिंग करने का उनका कोई इरादा नहीं था। लेकिन जब टीना ने कहा कि उसे इस बार बहुत ही सुंदर सुंदर नए कपड़े चाहिए नानी के घर जाने के लिए तब उसकी मां ने कहा बेटा इतने समय बाजार में अकेला रहना मेरे बस की बात नहीं है। तब टीना ने कहा कि तुम अंजली की मम्मी के साथ चली जाना वह भी बाजार जा रही है। तीन-चार दिन बाद। इस पर टीना की मां राजी हो गई और तीन-चार दिन बाद दोनों की मां बाजार चली गई। और टीना अंजलि के घर आ गई वहां से टीना और अंजलि उस हवेली में जाने के लिए तैयार होने लगी। अब आपको क्या लगता है की क्या टीना और अंजलि उस हवेली के अंदर अकेली जा पाएंगी या नहीं और अगर अकेली हवेली के अंदर चली भी जाएंगी तो क्या वह पूरी हवेली घूम पाएंगी या नहीं। यह जानने के लिए पढ़िए इस कहानी का पार्ट 2
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