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    Sunday, May 16, 2021

    एक सच्चे प्यार की अनोखी प्रेम कहानी। सच्ची प्रेम कहानी hindi love story - 2021

     एक सच्चे प्यार की अनोखी प्रेम कहानी। सच्ची प्रेम कहानी



     यह कहानी है एक ऐसी लड़की की जो प्यार जानती थी पर प्यार के बारे में नहीं जानती थी मतलब उसने प्यार शब्द तो सुना था पर प्यार क्या होता है कैसे होता है क्यों होता है वह यह सब नहीं जानती थी। उस लड़की का नाम मीना था। मीना एक 18 साल की पढ़ी-लिखी सुंदर और अमीर घर  की लड़की थी।

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     वह पढ़ाई के लिए कॉलेज में जाया करती थी। मीना पढ़ाई में भी बहुत अच्छी थी लेकिन  अक्सर उसका मन प्यार के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो जाया करता था।  जब भी वह ऐसी उत्सुकता से भर जाती   थी। तो वह अपनी एक सहेली  रितु के पास जाकर बैठ जाया करती थी। और बस एक ही सवाल पूछा करती थी कि प्यार शब्द तो सुना है पर प्यार क्या होता है यह तो बता दे। उसका एक ही जवाब होता था प्यार बोलकर नहीं करके समझा जाता है जिस दिन तुझे किसी लड़के से सच्चा प्यार हो जाएगा।

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     उस दिन तू समझेगी कि प्यार क्या होता है अब मीना के लिए एक और सवाल खड़ा हो गया था कि प्यार और सच्चा प्यार  क्या यह दोनों अलग-अलग है। उसने अपनी सहेली रितु से पूछा है | मैंने प्यार शब्द तो सुना है पर यह सच्चा प्यार यह क्या होता है। उसकी यह बात सुनकर पहले तो रितु हंसी  और फिर बोली की यार तू कैसी पागलों जैसी बातें कर रही है अगर तूने प्यार शब्द सुना है तो सच्चा प्यार शब्द तूने कैसे नहीं सुना। इसका मतलब मैं तुझे बताती हूं पहले तू बस इतना समझ ले कि प्यार से पहले अगर सच्चा  शब्द लग जाए तो वह ही सच्चा प्यार होता है और प्यार को जब  ही समझा जा सकता है जब किसी से सच्चा प्यार हो सिर्फ प्यार करके सच्चा प्यार नहीं समझा जा सकता। उसकी यह बातें मीना को पहेलियों की तरह लग रही थी और वह रितु से बोली यार तुम मुझसे पहेलियां नहीं  बुझाओ। मैं  तुम्हारी पहेलियों का जवाब देने नहीं आई हूं मैं  तुम्हारे पास जवाब लेने आई हूं और तू ही मुझसे सवाल किए जा रही है।

    रितु बोली सही सुना है मीना  तुमने मैं तुझसे सवाल ही किए जा रही हूं अभी इतना ही समझ  लो कि प्यार  ही सच्चा प्यार है यह समझना है तो इसमें सिर्फ सवाल ही सवाल होते हैं जवाब देता है तो सिर्फ दिल। मीना को अब थोड़ा सा समझ में आया लेकिन अभी भी वह ज्यादा कुछ नहीं समझ पाई थी तो वह रितु से बोली अच्छा ठीक है मैं जाती हूं घर पर मां मेरा इंतजार करती होगी।  मीना  फिर घर चली गई। अगले दिन वह घर से कॉलेज के लिए जा रही थी तो रास्ते। मैं चौराहे पर  उसकी साइकिल पंचर हो गई और वह बहुत परेशान हो गई थी अब वह कॉलेज कैसे जाएगी और आज तो उसका एग्जाम भी था। 

    इसीलिए वह रास्ते में खड़े होकर सोचने लगी कि अब क्या करा जाए फिर उसने सोचा ऐसा करती हूं किसी से मदद मांग लेती हूं साइकिल पंचर  ठीक कराकर स्कूल जाऊंगी तो एग्जाम ही छूट जाएगा। उसे एक लड़का बाइक पर आता हुआ दिखा वह लड़का किसी अमीर घर का नहीं था  बल्कि गरीब घर का लड़का था लेकिन दिल का बहुत अच्छा था उस लड़के का नाम रोहित था रोहित एक गरीब  इमानदार शरीफ और समझदार घर का लड़का था। एक बार तो  मीना सोच में पड़ गए कि क्या लड़के से मदद मांगना सही होगा क्योंकि कभी उसने  अनजान लड़के से बात ही नहीं करी थी फिर वह सोचने लगी अगर  यह सब सोचने में ही समय  बर्बाद करती रही तो एग्जाम ही छूट जाएगा। उसने रोहित को रोका और कहा। 

     मुझे तुम्हारी मदद चाहिए क्या तुम मेरी मदद करोगे रोहित हैरान रह गया कि अमीर घर की लड़की को मुझ से क्या मदद चाहिए फिर भी वह बोला बताइए मैं आपकी क्या मदद कर सकता हूं फिर मीना ने कहा कि मेरी साइकिल पंचर हो गई है  और आज मेरा एग्जाम है  तो क्या तुम मुझे मेरे कॉलेज तक छोड़ दोगे रोहित ने कहा हां मैं भी कॉलेज ही जा रहा हूं छोड़ दूंगा पर तुम मेरे कॉलेज की नहीं लगती तुम्हारा कॉलेज कहां है। मीना ने अपने कॉलेज का पता बताया तो रोहित कहने लगा यह तो मेरे कॉलेज के रास्ते में ही पड़ता हैमैं तुम्हें छोड़ दूंगा कोई नहीं बैठ जाओ।  मीना को उसके साथ बैठने में हिचक महसूस हो रही थी तो रोहित ने कहा मैम मैं गरीब घर से हूं मेरे पास अगर मैं  अमीर होता और  मेरे पास कार होती तो मैं तुम्हें  पिछली सीट पर बैठा देता और तुम आराम से बैठ कर चली जाती लेकिन गरीब होने के कारण यह बाइक ही है मेरे पास।

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     तो तुम इस पर ही बैठ जाओ वरना तुम्हारा एग्जाम छूट जाएगा ऐसा सुनकर मीना  बाइक पर रोहित के साथ बैठ गई और बोली ठीक है चलो कॉलेज चलते हैं। रोहित ने बाइक चलाई और मीना को उसके कॉलेज के गेट पर पहुंचा दिया मीना उसको थैंक यू बोल कर अंदर जाने  लगी तो रोहित ने पीछे  से आवाज दी कि जरा मेरी बात तो सुनिए। मीना हैरान रह गई पीछे पलट कर देखा तो रोहित ने कहा हां मैं आपसे ही कह रहा हूं जरा इधर आइए मैं आपसे कुछ कहना चाहता हूं अब मीना बिल्कुल घबरा ही  गई थी मीना डरते हुए रोहित के पास गई और बोली बताओ क्या कहना है रोहित ने  कहा की डरने की जरूरत नहीं है मैं बस इतना ही कह रहा था कि आते वक्त मैंने तुम्हें कॉलेज छोड़ दिया लेकिन यहां से  जाओगी कैसे तुम्हारी साइकिल तो चौराहे पर ही खड़ी है। और मैं भी अपने कॉलेज जा रहा हूं तुम ऐसा करो मेरा नंबर रख लो जब तुम्हारा कॉलेज खत्म हो जाए तब मुझे कॉल कर देना मैं तुम्हें लेने आ जाऊंगा।

     मीना बोली ठीक है मैं तुम्हें कॉल कर दूंगी। फिर मीना अपने कॉलेज के अंदर चली गई जैसे ही कॉलेज की छुट्टी हुई तो मीना सोच में पड़ गई थी अब मैं घर कैसे जाऊं लेकिन फिर उसे याद आया कि रोहित ने उसे तो अपना नंबर दिया है उसने उस नंबर को डायल किया और रोहित को बुला लिया। रोहित जल्द ही बाइक लेकर कॉलेज आ गया फिर मीना उसके साथ बाइक पर बैठकर वही चली गई जहां उसकी साइकिल खड़ी थी उसको अजनबी लड़के की बाइक पर बैठा हुआ उसके पिताजी ने देख लिया था तो वह बहुत नाराज हुए लेकिनउन्होंने सोचा मेरी बेटी ने पहले कभी ऐसा नहीं किया पता लगाना पड़ेगा की बात किया है और उसके पिता ने मीना के पीछे कुछ जासूस लगा दिए  जिससे मीना कि खबर उनको मिलती रहे।

     जैसे ही मीना और रोहित चौराहे पर पहुंचे तो मीना ने कहा बाइक यही  रोक दो मैं साइकिल ठीक करा कर घर चली जाऊंगी थैंक यू कहकर वह अपनी साइकिल लेकर पास ही एक पंचर दुकान के पास चली गई और अपना पंचर ठीक कराने लगी फिर रोहित भी उसको वहीं छोड़ कर अपने घर चला गया। मीना और रोहित को नहीं पता था कि उनके पीछे मीना के  पिता के लगाए हुए जासूस उनकी हर खबर उनके पिता तक पहुंचा रहे हैं। रोहित जब अपने घर आया तो उसने देखा कि उसकी मां बहुत बीमार है |

     उसके पिताजी घर में नहीं है मां  बीमार देखकर रोहित परेशान हो गया और पैसे लेकर मेडिकल पर जाने लगा उधर से  मीना भी अपनी साइकिल ठीक करा कर घर ही जा रही थी कि दोनों की फिर से मुलाकात हो गई मीना ने पूछा क्या बात तुम  यहां क्या कर रहे हो रोहित ने कहा नहीं कोई खास बात नहीं है मीना ने कहा तुम मुझे बता सकते हो तो रोहित ने कहा कि मेरी मां की तबीयत ठीक नहीं है पिताजी घर पर नहीं है तो मैं मां के लिए दवाइयां लेने आया हूं फिर रोहित दवाइयां लेने लगा। लेकिन दवाइयां बहुत महंगी थी और रोहित के पास इतने रुपए  नहीं थे क्योंकि रोहित  पढ़ाई करता था कमाता नहीं था। 

    अब रोहित परेशान हो गया कि मैं क्या करूं मीना समझ गई कि यह क्यों परेशान है मीना ने मेडिकल वाले से कहा कि तुम मेरे नाम से इन्हें उधार दवाइयां दे दो मेरे पास भी अभी पैसे नहीं है पर मैं अभी  घर से लाकर पैसे दे दूंगी तुम इन्हें दवाइयां दे दो इनकी मां की बहुत तबीयत खराब है और इस टाइम  इन्हें दवाइयां देना बहुत ही जरूरी है। मीना की बात सुनकर रोहित को तसल्ली तो हुई कि दवाइयां मिल जाएंगी लेकिन एक शर्म भी आई थी लड़का होकर भी मैं कोई काम नहीं करता औरमेरी  पैसों के मामले में एक लड़की मदद कर रही है।

    एक सच्चे प्यार की अनोखी प्रेम कहानी।

     मीना ने कहा अब तुम ज्यादा सोचो मत घर जाओ और मां को दवाइयां दो और अगर मां स्वस्थ ना हो तो मुझे बता देना मैं किसी अच्छे डॉक्टर को दिखा दूंगी रोहित बोला ठीक है मैं   घर जाता हूं और मां को दवाइयां देता हूं। रोहित घर आ गया और मां को दवाइयां दे दी मां को दवाइयों से आराम मिल गया और मां गहरी नींद में सो गई पिताजी भी 2 दिन के लिए घर से बाहर गए हुए थे तो इसलिए रोहित ने मां का पूरा ख्याल रखा जैसे ही रात हुई तो रोहित को मां के अंदर दवाइयों से बहुत सुधार महसूस हुआ तो उसने मीना को थैंक यू कहने के लिए फोन किया। 

    रोहित का कॉल मीना के  फोन पर बज रहा था तो मीना ने कॉल उठाया और कहा हेलो कौन। रोहित बोला मैं रोहित जिसकी आपने मदद की थी मीना बोली नहीं मैंने तुम्हारी मदद नहीं की तुमने भी तो मेरी मदद की थी तो रोहित बोला मैम जो मदद आपने मेरी की है वह बहुत बड़ी है मीना बोली कोई बात नहीं हम दोनों ने एक दूसरे की मदद की है तो हिसाब बराबर अब हम दोस्त बन सकते हैं मीना ने कहा ठीक है अब से हम दोस्त और मेरा नाम मीना है।क्या कल हम कहीं मिल सकते हैं कल कॉलेज भी बंद रहेगा तो मुलाकात अच्छी हो जाएगी। यह बातें सुनकर रोहित को भी ठीक ही लगा तो उसने कह दिया ठीक है हम कल एक कॉफी शॉप पर मिलेंगे।

      रोहित ने कॉल काट दी अब मीना रोहित के बारे में ही सोचती रही और सोचते-सोचते रात से सुबह हो गई।अब मीना घर से बहाना बनाकर कॉफी शॉप पर रोहित से मिलने चली गई तो मीना ने रोहित से कहा कि मैंने रात भर तुम्हारे बारे में ही सोचा पर मुझे समझ में आ गया कि कहीं ना कहीं मैं तुम्हें पसंद करने लगी हूं मैं नहीं जानती कि ऐसा क्यों हो रहा है लेकिन  तुम्हारी सोच में डूबे डूबे ही रात से सुबह कब हो गई मुझे पता ही नहीं चला नींद नहीं आई भूख नहीं लगी प्यास लगी नहीं पता नहीं यह कैसा रोग है इसे क्या कहते हैं। 

    रोहित चुप हो गया और बोला जो तुम्हारे साथ हो रहा है उसे प्यार कहते हैं ऐसा सुनकर मीना तो मानो स्तब्ध ही रह गई वह बोली क्या इसे प्यार कहते हैं मैं इससे अनजान थी तो सच्चा प्यार क्या होता है। मीना की यह बात सुन रोहित चुप हो गया और बोला अभी तुम्हें सिर्फ प्यार हुआ है मुझसे सच्चा प्यार नहीं हुआ सच्चा प्यार उसे कहते हैं कि जब प्यार में परीक्षा का वक्त आए तो प्रेमी-प्रेमिका एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा एक दूसरे का साथ  अगर प्यार में अगर एक दूसरे के साथ नहीं रह सकते तो एक दूसरे के बिना भी नहीं रहे और धोखा बिल्कुल ना दे एक दूसरे के बारे में ही सोचे किसी तीसरे के बारे में कभी नहीं सोचे इसे ही सच्चा प्यार कहते हैं। मीना बोली ठीक  है मैं कुछ दिन इंतजार करके देखती हूं शायद मुझे भी तुमसे सच्चा प्यार हो जाए उसकी ऐसी बचकानी बातें सुनकर रोहित को हंसी आ गई और वह बोला ठीक है  इंतजार करके देख लो। 

    मीना और रोहित की मुलाकात होते होते 1 साल बीत गया। और कॉलेज की छुट्टियां भी पड़ गई थी तो अब रोहित को अपने गांव जाना था। वहां पर अपने चाचा दादा का खेती बाड़ी में  काम  करने के लिए तो उसने मीना को कॉल  करी और कहा  देखो जब तक कॉलेज की छुट्टियां तब तक मैं अपने गांव जा रहा हूं। तो मैं तुमसे नहीं मिल पाऊंगा कॉल पर बात कर लिया करूंगा। ऐसा सुनकर मीना बोली नहीं जाओगे तो क्या होगा मत जाओ ना मेरा मन नहीं लगेगा तुमसे मिले बिना। रोहित बोला हमारे घर में बड़े की बात का सम्मान करते हैं मना नहीं करते तो मुझे जाना ही होगा।

     यह सुनकर मीना चुप रह गई और बोली ठीक है मैं तुम्हारा इंतजार करूंगी लेकिन कॉल पर बात करते रहना। ऐसा कहकर  मीना ने  कॉल काट दी।अगले दिन रोहित अपने गांव के लिए निकल गया वही मीना को एक लड़का कॉलेज टाइम से ही बहुत पसंद करता था तो उसे टाइम मिल गया था कि वह अपने दिल की बात मीना से कह सके। वह लड़का देखने में बहुत अमीर हैंडसम और समझदार था। वह पहले तो मीना के घर आया तो मीना की मां ने मीना से उसे मिलने दिया और मीना से कहा कि तुम्हारे कॉलेज का लड़का है तो तुम ही बात कर लो। मां के मुंह से ऐसे शब्द सुनकर मीना हैरान रह गई और कुछ ना बोल  पाई |

    सच्ची प्रेम कहानी

     मां के जाने के बाद में वह लड़का जिसका नाम अंकित था मीना से कहने लगा देखो मैं तुम्हारे और रोहित के बारे में सब कुछ जानता हूं लेकिन मेरी भी तुम बात सुनो मैं तुम्हें 1 साल से बहुत प्यार करता हूं लेकिन तुमसे कभी कहने की हिम्मत नहीं हुई आज हिम्मत कर  पाया हूं। क्योंकि मुझे डर है कि तुम कहीं हमेशा के लिए रोहित की ना हो जाओ मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं प्लीज तुम मेरे प्यार को स्वीकार करो। अब मीना को समझ आया कि रोहित उस दिन क्या कह रहा था। 

    उसने बगैर सोचे समझे ही अपने दिल की बात उसने उससे कह दिया मैं तुमसे कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती  तुम मेरे लिए अजनबी थे हो और रहोगे और मेरे और रोहित के बीच में कभी नहीं आना। क्योंकि दो सच्चे प्यार करने वालों के बीच में किसी तीसरे की जगह मुमकिन ही नहीं नामुमकिन है तो ऐसा बिल्कुल नहीं करना ऐसा सुनकर अंकित चुप रह गया और अपने घर चला गया घर जाकर उसने मीना के पिताजी से बात करी तो मीना के पिताजी ने कहा वह बच्ची है मैं उसे समझा दूंगा। अब मीना के पिता जी  मीना को समझाने के लिए उसके कमरे में आए और कहने  लगे।  मीना तूने अंकित को क्यों मना कर दिया इसीलिए  क्योंकि तू।

     तू रोहित से प्यार करती है मैं तेरे  रोहित के बारे में शुरू से सब कुछ जानता हूं। रोहित के पास क्या है कुछ भी नहीं है वह गरीब है वह तेरे को कभी भी खुश नहीं रख पाएगा तेरी ख्वाहिश पूरी नहीं कर पाएगा अंकित को देख अंकित एक बहुत ही सुंदर और अमीर लड़का है अपने पिताजी का एकलौता बेटा भी है तू ऐश करेगी उसके साथ खुश रहेगी।अंकित तेरी ख्वाहिशों से भी बढ़कर तेरे को खुश रखेगा तुझे और क्या चाहिए मीना ने कहा पिताजी मुझे सच्चा प्यार चाहिए जो सिर्फ मुझे रोहित से मिल सकता है अंकित से नहीं क्योंकि प्यार कभी दौलत से नहीं  खरीदा जा सकता है।

     और दो सच्चे प्रेमियों के बीच में तीसरे की कोई जगह नहीं होती तो इसीलिए मेरे और रोहित  के बीच में अंकित कभी नहीं आ सकता है मैं रोहित से प्यार नहीं सच्चा प्यार करती हूं और मैं उसके बिना नहीं रहूंगी। यह सब सुनकर उसके पिताजी हैरान हो गए और बोले मीना तू वही मीना है जो प्यार और सच्चे प्यार में अंतर नहीं जानती थी प्यार क्या होता है यह नहीं जानती थी और आज तो यह कहती है कि तुझे रोहित से सच्चा प्यार है यह तू किस खेल के चक्कर में पड़ गई है प्यार व्यार कुछ नहीं होता। वह तेरा बचपना था तो मैं चुप रहा लेकिन अब मैं चुप नहीं रहूंगा क्योंकि अब कुछ टाइम बाद मुझे तेरी शादी करनी है और मुझे तेरी खुशियों का फैसला करना है।

     मीना ने कहा तुम मेरे पिताजी होकर भी मेरी खुशियों की परवाह नहीं करते मेरी खुशी रोहित के साथ है अंकित के साथ नहीं। इस पर मीना के पिताजी  मीना पर जोर डालने लगे कि वह अंकित के साथ ही शादी कराएंगे। ना कि रोहित के साथ तो मीना अब समझ  गई कि पिताजी मेरी बात नहीं मानेंगे। उसने पिता जी से कह दिया कि। मैं शादी करूंगी तो रोहित से नहीं तो मैं शादी नहीं करूंगी मैं खुदकुशी कर लूंगी यह सुनकर मीना के पिता जी समझ गए कि अब यह मेरी बात ऐसे नहीं मानेगी तो उन्होंने साफ-साफ कह दिया तेरा प्रेमी रोहित अपने गांव गया है ना अब गांव से कभी वापस ही नहीं आएगा।

     मीना घबरा गई बोली की पिताजी तुम रोहित को कुछ भी नहीं करोगे वरना मैं जिंदा नहीं रहूंगी। मीना के पिताजी सोच में पड़ गए और बोले ठीक है हम कल सुबह ही अपना घर बदल देंगे यहां से बहुत दूर चले जाएंगे  जहां रोहित नहीं पहुंच पाए लेकिन अंकित तुमसे शादी कर ले।जहां रोहित नहीं पहुंच पाए लेकिन अंकित तुमसे शादी कर ले। अब मीना क्या करती  उसके पिताजी फैसला सुना कर चले गए और मीना फूट-फूट कर रोने लगी क्या सच्चा प्यार करने वालों की यही सजा है क्या सच्चे प्यार करने वालों को सजा ही मिलती है सच्चा प्यार नहीं मिलता |

     यह सब सोचते हुए उसने रोहित को फोन लगाया और रोने लगी रोहित घबरा गया और कहने लगा मीना क्या बात है तुम रो क्यों रही हो तब मीना ने सारी बात बताई तो रोहित बोला देखो सच्चा प्यार करने वालों के लिए जरूरी नहीं कि प्यार मिल ही जाए प्यार ना भी मिले तो भी वह सच्चा प्यार ही रहता है जैसे तुम्हारे पिताजी करना चाहते हैं  हम वैसा ही करेंगे क्योंकि हम गरीब हैं हम और कुछ नहीं कर सकते।  मीना तुम अपने पिताजी की बात मानो हमारे घर में भी यही संस्कार दिए गए हैं कि हमेशा बड़ों की बात का आदर करो और वह तो तुम्हारे पिताजी है तुम्हारे लिए कुछ बहुत अच्छा ही सोचा होगा जो ऐसा फैसला लिया है |

     तुम भले ही शादी अंकित से करोगी लेकिन सच्चा प्यार तो तुम मेरा ही रहोगी हम भले ही मिल ना पाए लेकिन फिर भी एक दूसरे के दिल में जिंदा रहेंगे और मैं हमेशा तुमसे कॉल पर बात कर लिया करूंगा यह सुनकर मीना कहने लगी मैंने कभी नहीं सोचा था कि सच्चे प्यार में सजा मिलती है प्यार नहीं मिलता अगर मुझे पहले पता होता तो मैं प्यार कभी नहीं करती रोहित बोला मीना प्यार सोचकर नहीं होता प्यार बस हो जाता है और प्यार के बाद सच्चा प्यार कब हो जाता है यह मालूम ही नहीं पड़ता।

     तो यह सब हम लोगों के हाथ में नहीं होता दिलों के हाथ में होता है तो तुम अब मेरी बात समझ जाओ। मीना ने कहा नहीं मैं अंकित से शादी नहीं करूंगी मैं खुदकुशी कर लूंगी तो रोहित ने कहा तुम खुदकुशी कर लोगी तो मेरा प्यार बदनाम हो जाएगा मेरा प्यार मर जाएगा नहीं  तुम्हें मैं ऐसा नहीं  करने दूंगा | मीना तुम्हें जिंदा रहना होगा भले ही हम मिल ना पाए लेकिन हम एक दूसरे के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे और एक दूसरे से सच्चा प्यार करते रहेंगे हमारी कहानी प्रेम कहानी नहीं एक अनोखी प्रेम कहानी  कह लाएगी। 

    ऐसा सुनकर मीना चुप रह गई और कुछ ना बोल सकी और उसने फोन काट दिया और सोचने लगी कि यह कैसी सजा है रोहित भी कह रहा है कि पिताजी की  बात मान लो। और पिताजी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि मेरी खुशी अंकित के साथ नहीं रोहित के साथ है  अब अगर मैं खुदकुशी कर भी लूं तो उसका प्यार मर जाएगा मैं ऐसा नहीं कर सकती मैं खुद मर कर उसका प्यार नहीं मार सकती ठीक है अब मैं अंकित से शादी जरूर करूंगी लेकिन उससे प्यार कभी नहीं करूंगी मैं हमेशा से रोहित से प्यार करती थी और उसी से प्यार करती रहूंगी अब दुनिया ऐसे कुछ भी समझे लेकिन यह हमारी एक अनोखी प्रेम कहानी बनेगी  फिर अगले दिन मीना के पिताजी उसे अंकित के घर  ले गए और वहीं छोड़ दिया कुछ दिनों बाद उन दोनों की शादी हो गई पर रोहित का और मीना का दोनों का दिल टूट गया लेकिन उन्होंने एक दूसरे को धोखा नहीं दिया । एक दूसरे के दिलों में जिंदा रहे और अपने प्यार को जिंदा रखा इसी को ही सच्चा प्यार कहते हैं और यह है मीना और रोहित की एक अनोखी प्रेम कहानी की कहानी। धन्यवाद।

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