छोटी बच्ची की बड़ी कहानी 2
दोस्तों हमने पिछले भाग में पढ़ा था -
....रमेश निराशा लेकर उस हाइवे पर तेजी से गाडी भागने लगा उसे ये भी नहीं पता
चला की गाड़ी कोनसी साईड गई है बहुत देर तक गाड़ी भगाने पर भी वह वहां पर
दिखाई नहीं दी।
और अब आगे
फिर थोड़ी ही दूर पुलिस टेशन था | वहा पर उसने रिपोर्ट लिखवाई तो एक पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा, हमारी पूरी कोशिस से हम तुम्हारी बेटी को ढूंड निकालेंगे | अब रमेश वापिस हास्पिटल की तरफ आया और अपनी पत्नी और दीपक को लेकर घर की तरफ जाने लगा तो उसकी पत्नी और दीपक को लेकर घर की तरफ जाने लगा तो उसकी पत्नी सुनीता बोली बच्ची कहाँ है, कहाँ लेकर गए वो लोग, कौन है वो, उसको क्यों उठा कर ले गए | रमेश को जितना पता था उसने सब बता दिया | सुनीता रोने लगी और तीनो बहुत दुखी थे और घर की तरफ चल पड़े |
रमेश ने कहा में तुमको घर छोड़ देता हु तुम घर से बहार मत निकलना जब तक में नहीं आ जाऊ | रमेश में उन दोनों को घर छोड़ कर गाडी वापस उसी हॉस्पिटल की तरफ घुमा ली और उसी दिशा में चला गया जिस दिशा में उस पूनम को लेकर गए थे | चलते चलते रमेश उसी हाइवे पर चढ़ गया और कुछ सोचकर वह जिस तरफ पहले जा चूका था| वह उसके विपरीत दिशा में गाड़ी घुमाई और चल पड़ा | हाइवे पर चलता रहा उसे एक कच्छा रास्ता हाइवे से नीचे उतरता हुआ दिखाई दिया |
रमेश हाइवे से उतरकर कच्चे रस्ते पर चल पड़ा | कम से कम १ किलोमीटर चलने के बाद उसे एक जंगल से गुजरना पड़ा | वहा पर लगता नहीं की कोई रास्ता होगा | फिर भी रमेश उसी रस्ते पर चलता गया उसे दर तो बहुत लग रहा था लेकिन उसे अपनी बच्ची भी ढूँढनी थी | कुछ देर चलते चले रस्ते में उस जंगल में सफ़ेद दाडी वाला एक बूढा आदमी दिखाई दिया | रमेश ने उसके पास अपनी गाड़ी रोकी और उससे पूछने लगा "बाबा आपने यहाँ से कोई काली को जाते हुए देखा क्या ?" बाबा बोला "बेटा ,में तो यही घूम रहा हु मेने तो नहीं देखा और हां बेटा आगे मत जाना बीटा आगे सिर्फ जंगल दिखाई देता है लेकिन वहा एक दलदली झील है जहा वहा पर आदमी का बचना मुस्किल है |
रमेश ने सोचा शायद इस तरफ नहीं आये वो लोग | रमेश ने गाड़ी घुमा ली और वापस हाइवे पर चढ़कर आगे चलने लगा | रमेश को चलते हुए 10 मिनिट्स हुए होंगे तो एक टोल आ गया | रमेश थोडा खुश हुआ क्योकि यहा उसको जानकारी मिल सकती थी की वो यहाँ आये या नहीं | रमेश ने टोल टैक्स देकर गाड़ी आगे लगा कर टोल वाले से पूछा भैया यहाँ से एक काली रंग की वैन को जाते हुए देखा क्या ? तो टोल वाला कहने लगा क्यों तुम क्यों पूछ रहे हो | रमेश ने कहा उस गाडी में किड्नेपर है मेरी बच्ची को लेकर गए है वो लोग | टोल वाले ने कहा तुम गाड़ी को पहचान सकते हो | रमेश बोला हां में गाडी को पहचान लूँगा | टोल वाले ने उसको टोल के केमरे की विडियो रिकार्डिंग दिखाई तो बो गाड़ी करीब 8:30 बजे वहा से निकल गई रमेश ने टोल वाले को धन्यवाद देते हुए आगे चल पड़ा |
रमेश चलते हुए इधर उधर देखता चल रहा था आगे चलने पर एक जगह पर सड़क से थोडा हटकर बहुत भीड़ लगी हुई थी न जाने वहा पर क्या हो रहा होगा |ये सोचकर रमेश ने गाडी रोकी और गाड़ी से उतर कर उस भीड़ की तरफ जाने लगा | वहा पर देखा तो एक गाड़ी पलती हुई थी | लोग कह रहे थे अचानक ब्रेक फेल होने की वजह से एक पशुओ के झुण्ड से टकराकर यह गाड़ी पलती है तभी रमेश के पास फोन आया रमेश ने देखा तो आने वाले का नंबर नया नंबर था | रमेश ने फोन उठाया | फोन उठाते ही उसको फोन पर उसकी बच्ची पूनम की रोने की आवाज सुने दी | रमेश ने पूछा तुम "बेटा तुम कहाँ हो जल्दी बताओ " तभी अचानक एक भारी आवाज आई
अगर बच्ची बचाना चाहते हो तो में जो कहू वो करना होगा | रमेश ने कहा तुम कौन हो ? कहाँ से बोल रहे हो ? तो अंजान व्यक्ति ने जबाब दिया इतनी जल्दी क्या है धीरे धीरे सब बता दूंगा | इतनी करीबी अच्छी नहीं है | रमेश कुछ कहता उससे पहले फोन कट गया | रमेश ने वापस उसी नंबर पर कॉल किया तो स्विच ऑफ कर लिया | रमेश बार बार ट्राई करता रहा मगर कुछ फ़ायदा नहीं था | रमेश ने गाड़ी घुमाई और पुलिस टेशन चल पड़ा दोस्तों वह किड्नेपर कौन हो सकता है | क्या कोई रिश्तेदार या कोई पडौसी या कोई परिवार से या कोई बाहर से है | सोचिये ...
चलिए जानते है ये किड्नेपर कोन है और क्या चाहता है अब उस तरफ चलते है जहाँ पर वह छोटी बच्ची है दोस्तों वह बच्ची अकेली नहीं थी उसके साथ कम से कम 10-12 बच्चे और थे जिनको एक बड़ी बंद गाड़ी में ले जाया जा रहा था वह गाड़ी हाइवे पर चलती हुई समुन्द्र के किनारे ले जा रही थी | गाड़ी से बहार कुछ भी देखा नहीं जा सकता था | समुन्द्र के किनारे बंदरगाह पर बड़े बड़े जहाज खड़े हुए थे | उस गाड़ी को प्लेटफार्म पर ले जाया गया और पानी के जहाज में चढ़ाया गया | गाडी चढ़ाकर जहाज समुंद्र में चल पडा तथा जहाज को चलते चलते तीन दिन हो गए जहाज चलते चलते बीच समुन्द्र में कहीं दूर एक टापू पर जा रुका | जहा पर आसपास कोई न तो बंदरगाह (जहाजों के रुकने का स्थान ) था न कोई दिखाई देता वहा पर बहुत सिक्योरिटी थी | वहा जहाज रुकने पर गाड़ी जहाज से निकाली और उस टापू पर ले आये | उसमे से बच्चो को निकल कर एक कमरे में ले जाकर बंद कर बंद कर दिये |
दोस्तो ! अब में इस जगह की जानकारी दे दू ताकि आपको अच्छे से समझ में आ सके | यह एक टापू मतलब की बीच समुन्द्र में एक छोटी सी जगह उभरी हुई है यहाँ पर उन्होंने समुन्द्र की गहराई से भी नीचे इस तरह का बनाया हुआ है की वहा पर सभी सुविधाए मौजूद थी जैसे की खेलने कूदने की, घूमने की आदि यानी की वह अंडरग्राउंड इतना बड़ा था की वहा पर कोई भी परेशानी नहीं हो सकती | और जो आदमी सब कुछ बहार कर सकता था वह आदमी अन्दर भी कर सकता था ताकि यहाँ पर बच्चो को लाकर उन्हें पालपोष कर बड़ा करके उन्हें होटलों पर काटने के लिए भेज देते थे
लेकिन बच्चो को पता भी नहीं चलने देते की वो लोग ऐसा करते है बल्कि उनसे तो कहा जाता था की उन्हें पालपोष कर उनका भविष्य बनाने के लिए उनको ऐसी जगह लेट है | ताकि वै अछी तरह से अपना भविष्य बना सके | लेकिन बच्चो को तो पता नहीं था की उनके साथ कितना धोखा हो रहा था | लेकिन बच्चो में कुछ लडकिय भी होती थी उनमे से सुन्दर लडकियों को वै कॉलगर्ल बना लेते थे और घंधा करवाते थे जिससे उनकी इनकम बहुत ज्यादा थी वै विदेशी लोग उनसे हिंदी में बाते करते थे और बड़े प्यार से उनको वहा रखते थे | उनकी देखभाल के लिए सिक्योर्टी लगायी हुई थी अब आगे देखते है क्या होता है इस कहानी में |
जहाज से उतार कर बच्चो को कमरे में बंद कर दिया गया और आतंकवादीयो (आतंकवादी वे लोग है जिनके कहने पर किडनैपर बच्चो को यहाँ लाते है ) ने किडनैपरो से कहा कहा की इनके माता पिता को फोन करके उनसे बात करो तो किडनैपरो ने कहा ठीक है, तो उसने सभी को फोन किया और कहा अगर बच्चे चाहिए तो एक बच्चे के बदले किसी दो बच्चो का इंतजाम कर दे ताकि तुम्हारा बच्चा मिल जाए | लेकिन वो ऐसा केसे कर सकते थे वे अपने बच्चे के बदले किसे दुसरे के बच्चे केसे दे सकते थे |
वे कुछ नहीं कर सकते थे तभी किडनैपर ने रमेश को फोन करके कहा बच्ची चाहिए तो दो बच्चो का इंतजाम करना होगा, नहीं कर सकते तो दो करोड़ रूपये का इंतजाम करना होगा रमेश ने बिना सोचे कहा में 2 करोड़ रूपये दे दूंगा बताओ कहा लेकर आऊ किडनैपर ने जगह बता दी की कहा लाना था दोस्तों में यद् दिलाता हु की रमेश ने एक पुलिस टेशन में रिपोर्ट भी लिखवाई थी जिसमे वह रमेश फोन नंबर और पूरा पता देकर गया था वहा के इंस्पेक्टर ने उस पते को ले जाकर कंट्रोल रूम गया और वहां पर रमेश के मोबाइल फोन को ट्रैक करके रमेश के जितने कॉल आते जाते थे सभी को उसने सुन लिया था |
वहा उसकी हर खबर को सुन रहा था , उसको पता चल चुका था की किडनैपर ने रमेश को कहा पर बुलाया है | वहा इन्सपेक्टर कुछ सिपाहियों को लेकर उस जगह जाकर छिप गए और इंतज़ार करने लगे | रात का समय था थोड़ी देर में रमेश पेसे लेकर आ गया और पैसा रखकर चला गया | रमेश के जाते ही वहा पर एक कुत्ता आया कुत्ता वहा पर थोडा सूंघ कर चला गया | कुछ देर में वहा पर एक बूढा व्यक्ति आया और पेसे की संदूक को उठाकर ले जा रहा था इन्सपेक्टर को सक हो गया की उस किडनैपर ने उसे भेजा है
थोड़ी देर बाद रूककर इन्सपेक्टर उस बूढ़े आदमी के पीछे छुप छुप कर जाने लगा और बूढा आदमी एक गाडी में बैठ गया | गाड़ी वहा से चली गयी इन्स्पेक्टर ने अपनी गाडी स्टार्ट की और सिपाहियों को साथ लेकर उस गाडी के पीछे लगा दी और गाड़ी चलते हुए उस इंस्पेक्टर ने अपने पुलिस टेशन ने कॉल करके कहा की एक सफ़ेद कलर की गाड़ी तैयार रखे | दोस्तों वहा इन्स्पेक्टर इसलिए गाड़ी तैयार करवा रहा था ताकि किडनैपर को कोई सक न पड़े को कोई गाड़ी हमारा पीछा कर रही है | इसलिए इन्स्पेक्टर गाड़ी बदलते हुए उसका पीछा कर रहा था की वह कहा जा रही है | किड्नेपर की गाडी थोड़ी देर के लिए एक जगह रुकी।
उस बूढ़े आदमी को उतारकर चल पड़ी इन्स्पेक्टर ने दो सिपाहियों से कहा की तुम यहाँ उतरकर उस बूढ़े से पूछ ताछ करो में और सिपाही ले जाकर पीछा करता हु | इन्स्पेक्टर उस गाड़ी का पीछा करता हुआ चल पड़ा दो सिपाही उस बूढ़े से पूछताछ करने लगे | इधर रमेश को चिंता होने लगी की कही वे बच्ची न लोताये तो क्या होगा | तभी रमेश के पास एक नए नंबर से फोन आया की उसकी बच्ची सुबह होने से पहले घर पहुच जायेगी | वह कॉल किडनैपर का था उसको पैसा मिल चुका था | उधर इन्स्पेक्टर उसकी गाड़ी का पीछा करते हुए जा रही थी | किडनैपर गाड़ी में तीन आदमी थे | इन्स्पेक्टर ने अगले पुलिस टेशन वालो को कॉल किया और गाड़ी का नंबर बताते हुए बोले इस नंबर की गाड़ी को सिक्योरिटी के साथ रोका जाए ये गाड़ी किडनैपरो की है |
अगले पुलिस टेशन वालो ने कड़ी सिक्योरिटी के साथ रोड से गाडियों की छांट करते हुए उस किडनैपर की गाड़ी को रोका | और उन किडनैपरों को पकड लिया थोड़ी देर में इन्स्पेक्टर भी वहां पहुच गया | और तीनो को जेल में बंद करके उनसे पूछताछ की तो वे पहले तो सही नहीं बता रहे थे | लेकिन मार लगने पर वे सही सही बताने लगे की वे लोग क्या करते है इतनी देर में उस बूढ़े आदमी को भी ले आये तो उसने बताया की वह एक गरीब आदमी है उसने इनकी बात पैसो के लिए मानी थी क्योकि उसे आपनी पत्नी का इलाज करवाना था | अब इन्स्पेक्टर ने कुछ सोचा और उन तीन किडनैपरो को एक अलग रूम में लेकर गया |
उनसे पूछताछ की कि वे कोन है और क्या नाम है कहां के रहने वाले है
दोस्तों आखिर क्या होने वाला है इस कहानी में इस बात का पता अगले पेज में लगेगा हमारे अगले पेज के लिए हमसे जुड़े रहे शेयर और सब्सक्राइब करना न भूले |
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