कहानी का नाम: "साया का शहर"
एपिसोड 4: साजिश की परतें और नई चुनौती
पिछले एपिसोड में अर्जुन ने अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का पर्दाफाश किया और कई बड़े अपराधियों को गिरफ्तार कराया, लेकिन विक्रम एक बार फिर भाग निकला। अब अर्जुन को समझ आ गया था कि यह लड़ाई सिर्फ अपराधियों के खिलाफ नहीं, बल्कि उस भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ भी है जो इनको बढ़ावा देता है।
अब आगे...
विक्रम ने अपनी हार का बदला लेने के लिए एक खतरनाक योजना बनाई। उसने देश के प्रधानमंत्री पर हमला करने का प्लान तैयार किया। इस बार विक्रम ने हाई-टेक ड्रोन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करने वाले विदेशी विशेषज्ञों को अपने साथ जोड़ा। उसका मकसद सिर्फ प्रधानमंत्री को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि देश में अराजकता फैलाना भी था।
दूसरी तरफ, अर्जुन को इस साजिश की भनक एक गुप्त सूत्र से लगी। उसने तुरंत अपने पुराने पुलिस मित्र अंशुमान को इसकी जानकारी दी। लेकिन इस बार विक्रम ने अपनी साजिश को इतना गुप्त रखा था कि पुलिस भी उसे रोकने में नाकाम हो रही थी।
अर्जुन ने विक्रम के एक छिपे हुए अड्डे पर हमला किया। यह अड्डा एक शानदार फार्महाउस था, जिसे बाहर से देखकर कोई भी यह अंदाजा नहीं लगा सकता था कि यहां अपराध की योजना बनाई जा रही है। फार्महाउस के अंदर का दृश्य दिल दहला देने वाला था।
वहां अंग तस्करी के लिए रखे गए फ्रीजर, ड्रग्स की बड़ी खेप, और हथियारों का बड़ा जखीरा मिला। अर्जुन ने देखा कि एक बड़ी दीवार पर देश के प्रमुख नेताओं, व्यापारियों, और विदेशी पार्टनर्स की तस्वीरें लगी थीं। इन सबके बीच, अर्जुन को एक कोडेड डायरी मिली।
डायरी में ऐसे नाम और कोड्स थे, जिनसे यह पता चला कि विक्रम का असली मालिक कोई और है। वह सिर्फ एक प्यादा था, और इस खेल का असली मास्टरमाइंड कोई अंतरराष्ट्रीय अमीर बिजनेसमैन था, जिसका नाम "ब्लैक किंग" था।
डायरी में एक तारीख और समय भी लिखा था, जो प्रधानमंत्री पर होने वाले हमले की योजना का संकेत था। अर्जुन समझ गया कि उसके पास बहुत कम समय है।
अर्जुन ने उस दिन और समय का पता लगाकर उस जगह पर पहुंचने की योजना बनाई, जहां हमला होने वाला था। यह एक सार्वजनिक सभा थी, जहां हजारों लोग प्रधानमंत्री को सुनने वाले थे।
सभा के दौरान, अर्जुन ने देखा कि आसमान में कुछ ड्रोन उड़ रहे थे। इन ड्रोन में विस्फोटक लगे हुए थे, और उन्हें दूर बैठा एक शूटर ऑपरेट कर रहा था। अर्जुन ने तुरंत ड्रोन को रोकने की कोशिश की।
ड्रोन को रोकने के दौरान वहां खून-खराबा शुरू हो गया। विक्रम के लोग वहां छिपे हुए थे और उन्होंने अर्जुन पर हमला कर दिया। अर्जुन ने अपनी बहादुरी से उन सभी को हराया और ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया।
सभा के बाद अर्जुन ने डायरी को गहराई से पढ़ा। इसमें "ब्लैक किंग" के बारे में और सुराग मिले। उसने समझा कि "ब्लैक किंग" सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक नेटवर्क था, जिसमें कई देशों के शक्तिशाली लोग शामिल थे।
ब्लैक किंग का असली मकसद था दुनिया भर में अराजकता फैलाकर अपने आपराधिक साम्राज्य को मजबूत करना। अर्जुन ने फैसला किया कि अब उसकी लड़ाई सिर्फ विक्रम से नहीं, बल्कि ब्लैक किंग के पूरे नेटवर्क से होगी।
एपिसोड के अंत में, अर्जुन को एक फोन कॉल आया। दूसरी तरफ से एक अजनबी आवाज थी। उसने कहा:
"तुमने हमारे प्यादों को खत्म कर दिया, अर्जुन। लेकिन यह खेल अभी खत्म नहीं हुआ है। अगला निशाना तुम हो।"
अर्जुन ने जवाब दिया:
"तुम्हारी हर चाल का जवाब मैं दूंगा। अब ये खेल मेरी शर्तों पर होगा।"
क्या अर्जुन ब्लैक किंग का पूरा नेटवर्क खत्म कर पाएगा? विक्रम का क्या होगा? जानने के लिए पढ़ें "साया का शहर" का अगला एपिसोड!
एपिसोड 5 यहां से पढ़ सकते हैं
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