कहानी: "अनदेखा सच"
(एपिसोड 2: मंदिर का दरवाजा)
पिछली कड़ी:
रहस्यमयी जंगल की कहानी: निधिवन के श्रापित खजाने का अनसुलझा सच
आर्या ने निधिवन के रहस्यमयी जंगल में प्रवेश किया और वहां एक प्राचीन मंदिर पाया। बुढ़िया की चेतावनी के बावजूद, उसने मंदिर का दरवाजा खोला। अंदर से आती रहस्यमय रोशनी और गूंजती आवाज ने कहानी को और रोमांचक बना दिया।
अब आगे..
मंदिर के अंदर से आती रोशनी इतनी तीव्र थी कि आर्या को अपनी आंखें कुछ क्षणों के लिए बंद करनी पड़ीं। जब उसने दोबारा आंखें खोलीं, तो वह स्तब्ध रह गई। मंदिर के अंदर की दीवारें अजीबोगरीब चित्रों और प्रतीकों से सजी थीं, जो किसी प्राचीन सभ्यता की कहानी बयां कर रहे थे।
"तुम यहां क्यों आई हो?" वह आवाज फिर गूंजी। यह आवाज न तो पुरुष की थी, न स्त्री की, बल्कि एक ऐसी आवाज थी, जो सीधे उसकी आत्मा तक पहुंच रही थी।
आर्या ने हिम्मत जुटाकर कहा, "मैं सच जानना चाहती हूं। यह जगह, यह मंदिर... क्या छिपा है यहां?"
आवाज ने कहा, "तुम सच जानना चाहती हो, लेकिन क्या तुम उसके लिए तैयार हो? यह खजाना किसी एक की नहीं, बल्कि उन आत्माओं का है, जिन्होंने इसे सुरक्षित रखने के लिए अपने प्राण त्याग दिए।"
दीवारों पर बने चित्र अचानक चमकने लगे। आर्या ने देखा कि उनमें एक कहानी छिपी थी:
सदियों पहले, एक राजा ने इस खजाने को अपनी प्रजा की भलाई के लिए मंदिर में छिपाया था। लेकिन लोभ और धोखे के कारण, यह श्रापित हो गया। अब हर वह व्यक्ति जो इसे पाने की कोशिश करता है, वह या तो मर जाता है या हमेशा के लिए गायब हो जाता है।
आर्या यह सब देखकर दंग थी। तभी मंदिर के अंदर की जमीन कांपने लगी। उसे लगा कि शायद यह जगह गिरने वाली है। उसने पीछे मुड़कर भागने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा अचानक बंद हो गया।
"अब तुम बाहर नहीं जा सकतीं," वह आवाज फिर सुनाई दी।
आर्या ने कहा, "मुझे यह सब क्यों दिखा रहे हो? मैं सिर्फ एक पत्रकार हूं, जो सच ढूंढने आई है।"
आवाज ने जवाब दिया, "तुम्हें सच जानने की इच्छा थी, लेकिन हर सच की एक कीमत होती है। अब तुम्हारे पास दो रास्ते हैं:
1. इस खजाने को छुने की कोशिश करो और इसका श्राप झेलो।
2. यहां से वापस जाने का तरीका ढूंढो, लेकिन शायद यह इतना आसान न हो।"
दीवार पर चमकते हुए प्रतीकों में से एक ने एक रहस्यमय दरवाजे की ओर इशारा किया। आर्या समझ गई कि यह शायद बाहर जाने का रास्ता है। लेकिन वह दरवाजा चमकते हुए प्रतीकों और उलझे हुए पहेलियों से घिरा था।
आर्या ने पहला कदम उस दरवाजे की ओर बढ़ाया, तभी उसे अपने पीछे किसी के चलने की आवाज सुनाई दी। उसने मुड़कर देखा, लेकिन वहां कोई नहीं था।
जैसे ही आर्या उस दरवाजे के करीब पहुंची, अचानक उसकी टॉर्च बंद हो गई। अंधेरे में उसने महसूस किया कि कोई उसके बहुत पास खड़ा है। उसने घबराकर पूछा, "कौन है वहां?"
अचानक एक ठंडी सांस उसकी गर्दन पर महसूस हुई और एक धीमी आवाज आई, "तुम्हें यहां नहीं होना चाहिए था।"
- आर्या को मंदिर से बाहर निकलने का रास्ता मिलेगा या नहीं?
- उस रहस्यमय खजाने के पीछे कौन सी शक्ति है?
- क्या आर्या अपने जीवन को बचा पाएगी?
जारी है...
अंधेरे का सामना: निधिवन के श्रापित मंदिर की पहेलियों की कहानी (एपिसोड 3)
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