कहानी का नाम: "साया का शहर"
एपिसोड 2: अंधेरे की दहशत
( अगर आपने पहला एपिसोड नहीं पढ़ा हो तो सबसे पहले उसे पढ़ लीजिए एपिसोड 1 )
प्रारंभ
शहर में अर्जुन का नाम अब गूंजने लगा था। सिम्मी को बचाने के बाद लोग उसे हीरो मानने लगे थे, लेकिन अर्जुन जानता था कि उसकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई थी। विक्रम का गैंग अभी भी सक्रिय था, और शहर के मासूम बच्चों के लिए यह गैंग मौत का दूसरा नाम बन चुका था।
विक्रम, जिसने पिछले एपिसोड में अपनी हार देखी थी, अब और भी खतरनाक बन चुका था। वह चाहता था कि अर्जुन को ऐसी सजा दी जाए, जिसे देखकर पूरा शहर कांप उठे। उसने अपने शूटरों को इकट्ठा किया और एक नई योजना बनाई।
अर्जुन ने विक्रम के खिलाफ अपनी खोज जारी रखी। उसने गैंग के पिछले रिकॉर्ड, पुलिस रिपोर्ट्स, और अपने पुराने संपर्कों से जानकारी जुटाई। अर्जुन को पता चला कि विक्रम का मुख्य अड्डा शहर के बाहरी इलाके में स्थित एक पुरानी फैक्ट्री थी।
वहीं दूसरी तरफ, विक्रम ने अर्जुन को खत्म करने के लिए एक चाल चली। उसने एक और मासूम लड़की, 16 साल की रिया, को अगवा कर लिया। रिया एक मिडिल क्लास परिवार की होनहार छात्रा थी। उसकी किडनैपिंग ने पूरे शहर को हिला दिया।
रिया को विक्रम के आदमियों ने फैक्ट्री में कैद कर लिया। फैक्ट्री का माहौल डरावना था। जगह-जगह खून के धब्बे, जंग लगे हथियार, और गैंग के लोग शराब पीकर हंसी-मजाक कर रहे थे। रिया के चीखने की आवाजें भी इस माहौल में गुम हो रही थीं।
गैंग ने रिया के परिवार को धमकी भरा वीडियो भेजा, जिसमें कहा गया:
"अगर अर्जुन ने हमारे मामलों में दखल देना बंद नहीं किया, तो रिया का अंजाम बेहद बुरा होगा।"
अर्जुन ने इस वीडियो को देखा और आगबबूला हो गया। वह रिया को बचाने के लिए सीधे विक्रम के अड्डे पर पहुंच गया। उसने फैक्ट्री के बाहर खड़े गार्ड्स को चुपके से खत्म किया।
जैसे ही वह अंदर घुसा, गैंग के लोग उस पर टूट पड़े। यह लड़ाई खून-खराबे से भरी थी। अर्जुन ने अपने हाथों से गैंग के सबसे खतरनाक शूटर को मार गिराया।
लड़ाई के बीच, एक गैंग का आदमी अर्जुन पर हमला करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन उसका पैर फिसल गया। अर्जुन ने उसे उठाकर कहा, "तुम्हें लड़ने से पहले अपने जूतों की ग्रिप चेक कर लेनी चाहिए।"
यह सुनकर वहां मौजूद दूसरे लोग भी हंस पड़े।
लड़ाई के बीच पुलिस भी वहां पहुंच गई। इंस्पेक्टर अंशुमान, जो अर्जुन का पुराना दोस्त था, उसकी मदद के लिए आया। अंशुमान ने विक्रम के कुछ आदमियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन विक्रम एक गुप्त रास्ते से भागने में कामयाब हो गया।
अर्जुन ने रिया को खोज लिया, लेकिन उसे बचाने से पहले विक्रम के दो आदमियों ने उस पर हमला कर दिया। वे रिया के साथ कुछ घिनौना करने की कोशिश कर रहे थे। अर्जुन ने गुस्से में उन्हें ऐसा सबक सिखाया कि वे हमेशा के लिए अपंग हो गए।
अंत में, विक्रम ने अर्जुन को फोन किया और कहा:
"तुम मुझे रोक नहीं सकते। यह शहर मेरा है। यहां मेरी बादशाहत चलेगी। अगर तुमने अगली बार मेरे मामलों में दखल दिया, तो पूरे शहर को खून में डुबो दूंगा।"
अर्जुन ने जवाब दिया:
"यह शहर मासूमों का है, और मैं तुम्हें तुम्हारी बादशाहत में आग लगा दूंगा। तैयार रहो, विक्रम।"
एपिसोड के अंत में, अर्जुन को पता चलता है कि विक्रम का एक खास आदमी, जिसके पास गैंग की पूरी जानकारी है, उसी फैक्ट्री में छुपा हुआ था। लेकिन जब अर्जुन वहां पहुंचा, तो उसने उस आदमी को खून से लथपथ मरा हुआ पाया। दीवार पर खून से लिखा था:
"खेल तो अभी शुरू हुआ है।"
क्या अर्जुन विक्रम की साजिश को खत्म कर पाएगा? क्या रिया और शहर के बाकी मासूम बच्चे सुरक्षित होंगे? जानने के लिए पढ़ें "साया का शहर" का अगला एपिसोड!
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