ज्यादा शर्म करनी भी घातक होती है। Too much shame is also dangerous.



ज्यादा शर्म करनी भी घातक होती है। 

यह कहानी है रामा की। रमा बचपन से ही ऐसे माहौल में पली-बढ़ी हुई थी जिस माहौल में बहुत ही पुराने आचार विचार रखते थे लोग। बहुत ही पुराने रीति और रिवाज अपनाया करते थे।
 उसी तरह वहां के माहौल की लड़कियां भी बेहद शर्मीली होती थी। यहां तक कि शादी से पहले एक भी बार वह अपने पति को नहीं  देखती थी शादी के बाद ही अपने पति को देखा करती थी। इस वजह से बहुत सी लड़कियों की जिंदगी शादी के बाद सदा के लिए बर्बाद हो जाती थी और बहुत सी  लड़कियों की जिंदगी खुशियों से भर जाती थी। इसके दो कारण थे पहला कारण तो शर्म था कि वह लाज शर्म के रीति रिवाज के कारण पहले अपने पति को नहीं देख पाती थी जिससे वह अपनी पसंद और नापसंद जाहिर कर सकें। 
और दूसरा कारण अगर शादी होने के बाद दूल्हा उन्हें पसंद नहीं आता था तो उनको शादी निभानी ही पड़ती थी उनकी मर्जी हो या नहीं हो। इसीलिए बहुत सी लड़कियों की जिंदगी बर्बाद हो जाती और बहुत सी लड़कियों की जिंदगी खुशियों से भर जाती थी। कुछ ऐसा ही हुआ था रमा के साथ। रमा एक पढ़ी-लिखी बहुत ही सुंदर और बहुत ही सुशील लड़की थी। लेकिन वह थोड़ी सी चुलबुली भी थी।
 रमा समझदार तो थी ही लेकिन अगर किसी चीज में उसकी खुशी नहीं और उसके माता-पिता उससे वह करवाना चाहते हैं तो वह खुशी खुशी कर दिया करती थी चाहे खुद खुश ना हो लेकिन दूसरों को हमेशा खुश रखना चाहती थी।वह लाज शर्म के रीति रिवाज से तो बंधी हुई थी लेकिन वह कुछ ज्यादा ही शर्मीली भी थी। 1 दिन रमा को रमा के घर लड़के वाले देखने के लिए आए।
 लेकिन रमा ने लड़के को नहीं देखा और ना ही लड़के ने रमा को देखा वैसे लड़के ने रमा की तस्वीर तो देख ही ली थी लेकिन रमा ने तो लड़के की तस्वीर भी नहीं देखी थी। उस लड़के को रमा तस्वीर में ही पसंद आ गई। और उन दोनों का रिश्ता तय हो गया। और यह खबर धीरे-धीरे करके पूरे गांव में फैल गई। लेकिन जब रमा की सहेलियों को पता चला कि रमा ने तो उसकी तस्वीर भी नहीं देखि जिसके साथ में रमा शादी करेगी तो उन्हें चिंता होने लगी कि आजकल तो अब ऐसे लड़के नहीं हैं।
 जैसे  पहले लड़के  के लड़के हुआ करते थे पहले के लड़के ज्यादा शरीफ हुआ करते थे इसलिए बिना देखे बिना समझे शादियां हो जाती थी लेकिन आजकल तो लड़के बेहद ही बदतमीज और नशेबाज होते जा रहे हैं तो क्या ऐसे में तू उस लड़के की तस्वीर भी नहीं देखेगी और शादी कर लेगी।
 अगर तूने तस्वीर देखी होती तो तू हमारे साथ उसकी रहने की जगह पर चलकर उसके बारे में थोड़ी जांच-पड़ताल कर सकती थी कोई ना कोई बहाना हम बना लेते वहां तक जाने का और वहां पहुंच कर तू उसके बारे में पता करती जांच पड़ताल करती पूछताछ करती तो पता चल जाता कि जिस लड़के से तेरी शादी होने वाली है वह अच्छा है या बुरा है अच्छा होता तो तू शादी कर लेती और अगर बुरा होता तो तू इनकार कर देती तेरी जिंदगी तो बर्बाद ना होती अब भगवान ही जाने तेरी जिंदगी में क्या लिखा है।
 खुशियां या दुख। सहेलियों की बातें सुनकर रमा को चिंता होने लगी और उसने ठान लिया कि अब मैं मां से बात करूंगी और उनसे कहूंगी कि वह मुझे उसके बारे में सब कुछ बताएं जिससे मेरी शादी होने वाली है कि वह कैसा है उसका स्वभाव कैसा है नशेबाज तो नहीं है कुछ खाता पीता तो नहीं है और मां को बताना ही पड़ेगा यह मेरी जिंदगी का सवाल है। शादी तो उस लड़के से मुझे करनी है वह जैसा भी होगा उसके साथ जिंदगी तो मुझे ही बितानी है। किसी को उससे क्या फर्क पड़ेगा।
 रमा ने घर जाकर अपनी मां से कहा तो उसकी मां ने कहा कि तू मुझसे हमारा बनाया हुआ नियम तोड़ने के लिए कह रही है अरे यह नियम तो हमारे लिए ही बनाया गया है जिससे कि हम शर्म के दायरे में रहकर ही शादियां करें अभी से ही तू इतना उछल रही है तो शादी के बाद तो क्या करेगी तू।
 और इसमें कुछ गलत भी नहीं है। इस पर रमा की मां ने कहा तू मुझसे जबान मत लड़ा अगर हिम्मत है तो अपने पिताजी से जाकर बात कर अगर वह कहेंगे तो मैं ऐसा कर दूंगी नहीं तो जो हमने फैसला कर है तुझे उसी पर राजी रहना होगा और जिंदगी भर तुझे उसी के साथ ही रहना होगा। उसी के साथ ही जिंदगी बितानी पड़ेगी उसी को ही अपना पति मानना पड़ेगा।
 ऐसा सुनकर रमा की बची कुची आशा भी खत्म हो गई अब उसके अंदर इतनी हिम्मत तो नहीं थी कि पिताजी से जाकर सवाल जवाब कर उनके फैसले पर उंगली उठाए तो वह चुप रही और उसने सोच लिया कि अब मैं सब कुछ ऊपर वाले के हाथ में ही छोड़ देती हूं।  भगवान ही मेरी तकदीर का मालिक है तो वही मेरी खुशियां और दुख सबको मेरी झोली में डालेगा। मुझे मेरे माता-पिता का फैसला मंजूर है। 
ऐसा सोचकर रमा खामोश ऐसी हो गई और ऐसा शादी होने तक वह खामोश निराश और उदास ही रही। देखते ही देखते रमा की शादी हो गई कि मैं कैसे विदाई हो गई और रमा अपनी ससुराल आ गई। रमा ने ससुराल आकर देखा कि रामा का ससुराल तो बहुत ही अमीर है बहुत ही आलीशान घर है  अब रामा समझ गई कि इसीलिए उसके माता-पिता और ज्यादा रमण गए थे इस शादी के लिए।
 तब रामा को समझ में आया कि कोई भी माता-पिता अपने बच्चों का बुरा नहीं चाहते और मेरे माता-पिता ने तो मेरी भलाई का यह फैसला किया है  मेरे माता पिता ने सोचा होगा कि रहीस लोग हैं आलीशान घर में मेरी बेटी इस घर में हमेशा सुखी रहेगी इसलिए उन्होंने मेरी शादी कर दी लेकिन अब भगवान ही जाने की मेरी तकदीर में आगे क्या लिखा है। 
ससुराल में रमा के साथ एक दो महीने तक तो सब कुछ ठीक था क्योंकि रमा के सास ससुर ने अपने लड़के को समझा कर रखा था कि सुन बेटा शादी के कुछ महीने तक तो तुझे बिल्कुल शरीफ और अच्छा लड़का बनकर ही रहना पड़ेगा क्योंकि रमा के कुछ भी कहने पर उसके मायके वाले यकीन कर लेंगे और इतनी सुंदर लड़की तेरे हाथों से निकल जाएगी  जिसको पाने के लिए तुझे उस गरीब खाने में जाकर शादी करनी पड़ी है।
 फिर कुछ महीने बीत जाने पर तू जैसा चाहे वैसे रहना जो चाहे वह करना हम तुझसे कुछ नहीं कहेंगे और फिर रामा की कही बात पर कोई विश्वास भी नहीं करेगा सब कहेंगे कि अगर वह ऐसा ही होता तो शादी के कुछ महीने तक वह तेरे साथ में अच्छा बनने का नाटक क्यों करता यह सब तेरा ही कोई नाटक है उससे छुटकारा पाने का इसलिए उसकी बातों पर फिर कोई विश्वास ही नहीं करेगा। 
शादी के 6 महीने बाद रमा के पति ने अपना असली रंग दिखा दिया वह हर रात किसी लड़की को अपने साथ लेकर आता और अपने बेडरूम में जाकर जो रामा और उसके पति का कमरा था उसी में जाकर उस लड़की के साथ रात बिताता और सुबह शराब पीकर घर आ जाता और शाम तक रमा पर अत्याचार और जुल्म करता कमाने की तो उसे कुछ पड़ी ही नहीं थी क्योंकि माता-पिता का खजाना बहुत था उसके पास उड़ाने के लिए। इसलिए वह बेफिक्र होकर अपने बुरे काम कर रहा था।
 रमा ने अपने मायके वालों से बहुत शिकायतें  करने लगी थी अपने पति की लेकिन मैंके वालों ने उसकी एक नहीं मानी उल्टा उसी को ही कहते थे कि तू पहले से ही शादी नहीं करना चाहती थी अब तू बहाना ढूंढ रही है उससे छुटकारा पाने का यह नहीं होगा तुझे उसके साथ ही रहना पड़ेगा अगर तुझे जिंदा नहीं रहना तो मर जा लेकिन तू यहां पर नहीं आएगी तेरी डोली उस घर में गई है तो तेरी अर्थी भी वहीं से ही शमशान जाएगी। 
तू हमारे घर राजी खुशी आ रह खूब रह हम मना नहीं करेंगे लेकिन हम तुझे हमेशा के लिए कभी नहीं रखेंगे और ना ही कहीं और तेरी शादी कराएंगे। धीरे-धीरे करके रमा ने अपने मायके वालों से शिकायत करनी ही बंद कर दि और अपने पति के जुल्मों को ही अपना नसीब समझ अपना लिया। लेकिन रमा बिल्कुल उस दिन टूट गई जब उसके पति ने उसे किसी और गैर मर्द के हवाले कर दिया और वह भी कुछ रुपयों के लिए। उस रात रमा जैसे तैसे उस गैर मर्द को धोखा देकर वहां से तो भाग गई। 
और अपने घर आ गई उसका पति उस मर्द के दिए हुए पैसे लेकर अय्याशी करने के लिए गया हुआ था। इसलिए रमा को घर के अंदर कोई डर महसूस नहीं हो रहा था लेकिन अब रमा जीना नहीं चाहती थी। इसीलिए रमा रसोई में गई और वहां से एक बहुत ही बड़ा तेज धार का चाकू लेकर अपने कमरे में आ गई पहले उसने एक खत लिखा फिर उसने वह चाकू अपने पेट में मार लिया और देखते ही देखते वह जमीन पर गिर गई और बहुत ज्यादा खून बह जाने के कारण वह जान से ही मर गई। 
इससे उसके माता-पिता का कहना तो पूरा हो गया कि तेरी डोली यहां से गई हुई है उस घर में और अर्थी भी उस घर से श्मशान घाट जाएगी लेकिन वह एक दुख के साथ मरी थी। यह किसी को पता नहीं था। अगले दिन जब रमा का पति अपनी अय्याशी से थक कर अपने घर में अपने कमरे में आराम करने के लिए आया तो रमा को मरा हुआ देखकर उसके तो होश ही उड़ गए।
और उसने जल्दी-जल्दी अपने माता-पिता को अपने  कमरे में बुलाया और उसके माता-पिता ने वहां के पड़ोसियों को घर में बुलाया और वहां के पड़ोसियों ने कहा कि आप इसकी मायके वालों को भी बुलवा लो तब मैंके वाले भी वहां आ गए धीरे-धीरे करके सभी लोग इकट्ठा हो गए थे।
लेकिन रमा की सहेलियों को यकीन नहीं था कि रमा ऐसे ही खुदकुशी कर लेगी क्योंकि वह उसको अच्छे से जानती थी इसलिए उसकी सहेली उसके कमरे में गई कि शायद हो सकता है वह कुछ लिख कर छोड़ गई हो या कुछ ऐसा निशान छोड़ गई हो जिससे उसकी मौत का पता चल सके लेकिन उसकी सहेलियों को उसके कमरे में से एक खत मिला जिसमें लिखा था कि अब यह लाज शर्म का पर्दा किसी काम का नहीं।
क्योंकि इस पर्दे के पीछे बहुत सी लड़कियां अपनी खुद गवा रही है खुदकुशी कर रही हैं।यह लाज शर्म का पर्दा हटाया जाएगा तभी लड़कियों को अच्छी जिंदगी मिल पाएगी। यह खत पढ़कर रमा की सहेलियों की आंख के आंसू नहीं रुक रहे थे और उन्होंने घर के आंगन में आकर जोर-जोर से चिल्लाकर यह खत पढ़कर सभी को सुनाया और रमा के माता-पिता से कहा देख लिया तुमने अपनी लाज और शर्म की रीति रिवाज का कितना बुरा नतीजा सामने आया है |
अब कृपा करके इस लाज शर्म को छोड़ दो वरना एक-एक करके सारी लड़कियां इसी तरह बेमौत मारी जाएंगी और यह लाज शर्म का पर्दा एक खूनी पर्दा बनकर रह जाएगा। तो यह थी हमारी कहानी। ज्यादा शर्म करनी भी घातक होती है। धन्यवाद।

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