जिंदगी गरीबों के लिए एक जंग है।
यह कहानी है रामू की रामू एक बहुत ही गरीब मजदूर आदमी था। उसका परिवार भी बहुत ही गरीबी से गुजर-बसर कर रहा था। रामू रोज मजदूरी करता था तब वह अपने बच्चे और पत्नी का पेट भर पाता था। अगर वे किसी दिन मजदूरी करने नहीं जाता तो उसका परिवार भूखा सो जाता यह हालत थी उनके परिवार की इसीलिए रामू बीमार होते हुए भी रोज मजदूरी करने चला जाता था।
उसकी पत्नी भी रामू का साथ देना चाहती थी वह भी मजदूरी करना चाहती थी लेकिन बच्चों को अकेला भी नहीं छोड़ सकती थी। क्योंकि बच्चे छोटे-छोटे ही थे एक लड़का 3 साल का था और एक लड़की 4 साल की थी। बच्चों की उम्र हो चुकी थी पढ़ाई करने की लेकिन घर में इतनी गरीबी थी कि बच्चों को कपड़े भी अच्छे नसीब नहीं होते थे। पढ़ाई लिखाई तो बहुत दूर की बात रही। वह दोनों चाहते थे कि वह अपने बच्चों को पढ़ा लिखाकर कोई अच्छा आदमी बनाए लेकिन गरीबी जिसके पास चली जाए उसके सारे अरमान मार देती है ऐसा ही रामू और उसकी पत्नी के साथ था।
उन्होंने अपने सारे अरमानों को मार दिया था। और उन्हें एक वक्त की रोटी के लिए भी बहुत मेहनत करनी पड़ती थी। 1 दिन रामू मजदूरी की तलाश में घर से जा रहा था तभी रास्ते में उसे एक आदमी मिला। उसने ड्रग्स से भरा हुआ बैग रामू को दे दिया और कहा कि देख अगर तूने आज शाम से पहले यह बैग इस लिखे हुए पते पर पहुंचा दिया तो तुझे ₹10000 दूंगा ₹10000 की बात सुनकर रामू डर भी गया और खुश भी हुआ उसने सोचा ऐसा इस बैग में क्या है जिसके पहुंचाने पर मुझे ₹10000 मिलेंगे रामू ने पूछा पर उस आदमी ने कह दिया तू पैसों से मतलब रख इस बैग में क्या है क्या नहीं है इस से मतलब मत रख और इसमें बहुत ही कीमती चीज है |
अगर जरा सी भी इधर से उधर हो गई तो उसका जुर्माना तुझे अपनी जान देकर पूरा करना पड़ेगा इसलिए तू अपनी जान और अपने पैसे की फिकर कर इस बैग में क्या है उसकी फिकर मत कर। अगर तू यह काम करने को राजी है तो ठीक है नहीं तो शहर में और भी बहुत से तेरे जैसे लोग हैं जो यह काम आसानी से कर देते हैं। ऐसा सुनकर रामू ने सोचा मुझे क्या फर्क पड़ता है इस बैग में क्या है दिन भर ठोकर खाने के बाद में दो पैसे मिलते हैं और वह भी खाने पीने में खर्च हो जाते हैं कुछ पैसे बचते ही नहीं है। पैसे कमाने का अच्छा मौका मिला है तो हाथ से नहीं जाने दूंगा।
फिर रामू ने कहा ठीक है इसमें जो भी कुछ है तुम बेफिक्र होकर मेरे हवाले कर दो और मैं पहले पैसे लूंगा तब इस बैग को वहां पहुंचा दूंगा। उस आदमी ने कहा तू यह बैग जिसको देगा वह आदमी ही तुझे पैसे दे देगा। तब रामू ने कहा ठीक है तो मैं पैसे उनसे ले लूंगा और वहां से उस आदमी के बताए पते पर जाने लगा। उन दोनों को ऐसा करते पुलिस के एक आदमी ने देख लिया था क्योंकि जिस आदमी ने रामू को बैग दिया था उस आदमी के पीछे पुलिस बहुत दिनों से पड़ी थी लेकिन वह इतना शातिर था कि कोई सबूत नहीं छोड़ता था। और पुलिस के हाथों से हर बार निकल जाता था लेकिन अब की बार पुलिस उन्हें रंगे हाथ पकड़ना चाहती थी। रामू को नहीं पता था कि। वह इस बैग को हाथ में लेकर अपनी जिंदगी मौत में बदल रहा है।
वह तो पैसे कमाने के चक्कर में उस बैग को हाथ में लेकर जा रहा था। लेकिन जब तक पुलिस वहां पहुंची वह आदमी वहां से बहुत देर पहले ही जा चुका था और रामू भी वहां से जा चुका था रामू को तो पुलिस ने रास्ते में ही पकड़ लिया। लेकिन वह आदमी बच निकला तब पुलिस रामू को ही पुलिस स्टेशन ले गई। और उसे मारने पीटने लगी उससे पूछताछ करने लगी।
रामू बार-बार कह रहा था मुझे कुछ नहीं पता मैंने यह बैग पहली बार अपने हाथ में लिया है। पुलिस ने कहा ठीक है हम मानते हैं कि तूने बैग पहली बार हाथ में लिया है लेकिन किसने दिया था यह तो तुझे मालूम होगा वह कहां गया है यह भी तुझे मालूम होगा तू हमें उसका पता बता दे हम तुझे छोड़ देंगे। नहीं तो तुझे जान से मार देंगे। पुलिस के बार-बार मारने पीटने के बाद भी रामू का एक ही जवाब था।
मुझे नहीं पता वह आदमी कौन था और कहां गया है मैं उससे पहली बार मिला था और उस आदमी ने ही मुझे वह बैग दिया था। और ₹10000 देने के लिए कहा था उसने कहा था कि मैं जिस आदमी को यह बैग दूंगा वही मुझे ₹10000 देगा मैं उस आदमी के पास पहुंच पाता उससे पहले ही आप मुझे यहां पकड़ कर ले आए। बस मैं इतना ही जानता हूं और कुछ भी नहीं जानता। फिर अचानक उसे याद आया कि उस आदमी ने मुझे बस यह पता लिख कर दिया था कि इस पते पर तुझे बैग पहुंचाना है।
पुलिस ने वह पता पड़ा और उसकी जगह पर पुलिस को भेज दिया वहां जाकर देखा तो एक आदमी ऐसे बैग का इंतजार कर रहा था जो बैग पुलिस के पास था तब पुलिस उसे भी पकड़ कर थाने में ले आई। जब उसे अच्छे से मारा-पीटा तब उसने बताया कि इस काम में कौन-कौन है और यह काम कौन उससे करवाता है। और यह भी पता चल गया कि जिस आदमी ने रामू को बैग दिया था वह आदमी कहां गया है।
तब पुलिस ने रामू को इस कैस से अलग कर दिया लेकिन उसको सजा फिर भी मिली क्योंकि पुलिस ने उससे कहा कि तुमने बिना यह जाने कि बैग में क्या है पैसों के लालच में आकर उसे बैग को दूसरे आदमी तक पहुंचाने का जिम्मा हाथ में ले लिया। और क्योंकि इस बैग में ड्रग्स था।
तो इसीलिए तुम्हें 2 साल की सजा होगी। और रामू को पुलिस ने 2 साल के लिए जेल में डाल दिया। उधर रामू की पत्नी को इस बारे में कुछ भी पता नहीं था लेकिन जब रात भर रामू घर नहीं आया तब रामू की पत्नी को चिंता होने लगी क्योंकि ऐसा कभी नहीं हुआ था कि रामू रात को घर नहीं आया हो। रामू की पत्नी रामू की तलाश में घर से निकल गई और अपने बच्चों को भी साथ ले लिया। 2 दिन बाद उसे पता पड़ा कि उसका पति जेल में बंद है तो इस हादसे से उसे बड़ा झटका लगा जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई।
और क्योंकि 2 दिन से बच्चे भूखे थे तो इसलिए 3 साल के बच्चे ने अपना दम तोड़ दिया इससे रामू की पत्नी और भी ज्यादा दुखी हो गई। लेकिन फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी वह अपनी पति की तलाश में पुलिस स्टेशन गई जहां पर रामू जेल में बंद था।
और वहां जाकर उसने देखा कि रामू जेल में बंद है तो उसने पुलिस वालों से कहा रामू को जेल में क्यों बंद कर रखा है तब पुलिस वालों ने सारी बात बताई। और कहा कि अब यह 2 साल के लिए जेल के अंदर ही रहेगा यह सुनकर रामू की पत्नी को हार्ट अटैक आ गया और वह भी वही रामू के आंखों के सामने ही चल बसी। 4 साल की बच्ची अपनी मां की मौत और अपने पिता का जेल जाना और अपने छोटे भाई की मौत इन सब का झटका जो लाइन पाई और वह भी चल बसी। रामू की आंखों के सामने ही उस लड़की ने भी दम तोड़ दिया।
फिर पुलिस ने रामू के हाथों दोनों का अंतिम संस्कार करवा दिया। ऐसे सब के बाद रामू भी कुछ दिन तक जेल में ठीक ठाक रहा लेकिन एक दिन उसने भी दम तोड़ दिया। सच में जिंदगी गरीबों के लिए एक संघर्ष है। जब रामू गरीब था तब वह है एक वक्त की रोटी के लिए भी बहुत मेहनत करता था। और जब उसे अच्छे पैसे कमाने का मौका मिला तो वह जेल चला गया।
उसके जल जाने के कारण उसकी पत्नी और बच्चों को भूखा रहना पड़ा जिसके कारण 1 बच्चे की जान भी चली गई। और जब रामू की पत्नी ने यह देखा कि रामू 2 साल के लिए जेल में गया तब वह भी चल बसी। इस सब का झटका रामू की लड़की ना देख पाई तो वह भी चल बसी। और अपने परिवार को अपनी आंखों के सामने मरता देख रामू को बर्दाश्त ना हुआ तो कुछ दिन बाद वह भी चल बसा। सच में रामू का गरीब परिवार जिंदगी से गरीबी की जंग हार गया था। किसी ने सच ही कहा है कि गरीबों के लिए जिंदगी एक जंग है। तो यह थी कहानी। जिंदगी गरीबों के लिए एक जंग है।
धन्यवाद।
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